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Monday 27 January 2020

अस्पतालों में रोगी कल्याण समितियों की बैठक नियमित रूप से करें

अस्पतालों में रोगी कल्याण समितियों की बैठक नियमित रूप से करें
कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने साप्ताहिक समीक्षा बैठक में दिए निर्देष

खण्डवा 27 जनवरी, 2020 - कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने सभी एसडीएम को निर्देष दिए है कि वे अपने अपने क्षेत्र के शासकीय अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति की बैठक नियमित रूप से आयोजित करें तथा समिति के पास उपलब्ध राषि से मरीजों की सुविधा के लिए विकास कार्य कराते रहे, ताकि मरीजों को कम से कम असुविधा हो। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कहा कि जिले में जितने भी संस्थागत प्रसव हो उन सभी प्रसूताओं को जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिलाया जाये। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित इस साप्ताहिक समीक्षा बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोषन कुमार सिंह, अपर कलेक्टर श्रीमती नंदा भलावे कुषरे, सहित विभिन्न जिला अधिकारी भी मौजूद थे।
        कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास से कहा कि निरीक्षण के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्रों से अनुपस्थित पाई गई कार्यकर्ताओं तथा केन्द्र में पोषण आहार वितरित न होने की षिकायतों की जांच की जाये तथा जांच के दौरान दोष सिद्ध होने पर कार्यकर्ता के वेतन काटने की कार्यवाही तो की ही जाये, इसके साथ ही उस क्षेत्र की सुपरवाइजर्स व परियोजना अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाये। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्रीमती अंषुबाला मसीह से कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय माह की 5 तारीख तक उनके खाते में जमा हो जाये, यह सुनिष्चित किया जायें। उन्होंने षिक्षा व स्वास्थ्य जैसे बड़े विभागों के स्थापना व लेखा शाखा के लिपिकों की शाखाओं के प्रभार बदलने के निर्देष भी बैठक में दिए। कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने अपर कलेक्टर श्रीमती नंदा भलावे कुषरे को निर्देष दिए कि अमानक व मिथ्याछाप खाद्य पदार्थो के प्रकरणों में समय समय पर दण्डात्मक कार्यवाही की जाये। उन्होंने खाद्य एवं औषधि प्रषासन विभाग के अधिकारियों को प्रतिदिन 2-2 प्रकरण तैयार कर सेम्पल जांच के लिए प्रयोगषालाओं को भेजने की हिदायत भी दी।
कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने सभी एसडीएम को निर्देष दिए कि वे अपने क्षेत्र में भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्रों व अस्पतालों में महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण की स्थिति की भी समीक्षा करें। उन्होंने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा वे नियमित रूप से विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों की बैठक लेकर करें, ताकि गंभीर बीमारियों से पीडि़त बच्चों का उपचार समय पर हो सके। 

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