खुषियों की दास्ताँ
ललिता के लिए पोषण पुनर्वास केन्द्र बना वरदान
खण्डवा 24 जनवरी, 2020 - खालवा विकासखण्ड के ग्राम सुन्दरदेव निवासी प्यारेलाल का लगभग डेढ़ वर्ष का बेटा भागीरथ बचपन से ही बहुत कमजोर था। परिवार की गरीबी के कारण बेहतर पोषण आहार न मिलने से बचपन से ही भागीरथ के शरीर में खून की कमी थी। प्यारेलाल और उसकी पत्नि ललिता अपने बेटे के स्वास्थ्य को लेकर हमेषा चिंतित रहता था। एक दिन उसने अपने गांव की आशा कार्यकर्ता मनीषा व स्वास्थ्य कार्यकर्ता शारदा धुर्वे से चर्चा कर उसका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया। भागीरथ की जांच के दौरान वह गंभीर रूप से कुपोषण का षिकार पाया गया। आषा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने भागीरथ को जिला अस्पताल परिसर में स्थित पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती करने की सलाह दी।
ए.एन.एम. द्वारा 108 वाहन के माध्यम से उन्हें जिला अस्पताल में जाचं के उपरांत एन.आर.सी. खंडवा में भर्ती कर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ भूषण बांडे की देख रेख में उपचार प्रारंभ कर दिया गया। भर्ती के दौरान भागीरथ का वज़न 6.710 किलोग्राम था। नियमित रूप से पोषण आहार व उपचार के कारण भागीरथ का प्रतिदन स्वास्थ्य में सुधार होने लगा और धीरे-धीरे स्वस्थ होने लगा। पोषण प्रषिक्षक शबनम खान ने नियमित रूप से भागीरथ की माँ को जरूरी समझाईष दी। कुल 14 दिनों तक पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती रहने के बाद छुट्टी के समय भागीरथ का वनज बढ़कर 7.730 किलोग्राम हो गया। गंभीर एनीमिया से ग्रस्त भागीरथ अब स्वस्थ होकर खुशी-खुशी अपने घर पहुंच गया है। प्यारेलाल और ललिता स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों व कर्मचारियों को बहुत दुआएं देते है, जिनकी बदोलत उनका बेटा भागीरथ अब स्वस्थ्य होकर सकुषल घर आ गया है।
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