पुस्तक हाथ में हो तो सफर आसान हो जाता है - डॉ. मुकेश जैन
खण्डवा 1 अक्टूबर, 2021 - पुस्तक का कोई विकल्प नहीं है। मोबाइल संस्कृति के कारण आज का युवा पुस्तकों से दूर होता जा रहा है। युवा मोबाइल पर ही पुस्तक पढ़ने का प्रयास करते हैं लेकिन पुस्तक जैसा साथी और मार्गदर्शक कोई नहीं है। पुस्तक हाथ में हो तो सफर आसानी से कट जाता है, चाहे फिर वह रेल-बस का सफर हो या जीवन का सफर। यह बात नीलकंठेश्वर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पुस्तकालय विभाग एवं आई क्यू ए सी द्वारा आयोजित दुर्लभ पुस्तक प्रदर्शनी के शुभारंभ के समय संस्था के प्राचार्य डॉ. मुकेश जैन ने कही।
इस दौरान पुस्तक प्रदर्शनी संयोजक एवं ग्रंथपाल श्रीमती हेमलता नागर ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत गांधी जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों के लिए दुर्लभ गांधी साहित्य सहित अन्य कई दुर्लभ पुस्तकों का प्रदर्शन विद्यार्थियों हेतु किया गया। विद्यार्थियों को ई-लाइब्रेरी से भी अवगत कराया गया। ग्रंथालय की विस्तृत जानकारी प्रो. सीमा शुक्ला ने विद्यार्थियों को प्रदान की। उल्लेखनीय है कि पुस्तकों के विषय में विद्यार्थियों ने आयोजन समिति के सदस्यों से विभिन्न जानकारी प्राप्त की और पुस्तकालय विभाग समिति के सदस्यों ने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का यथोचित समाधान भी किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में सरस्वती वंदना का गान कुमारी शीतल ओसवाल ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ मोक्षदा जौहरी ने किया और आभार डॉ. सोनू सेन ने व्यक्त किया।
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