आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्रामीण युवाओं को दिया गया व्यवसायिक प्रशिक्षण
खण्डवा 30 नवम्बर, 2020 - कृषि विज्ञान केंद्र खंडवा में ग्रामीण युवक और युवतियों के लिए दो दिवसीय व्यवसायिक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस व्यवसायिक प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डी.के. वाणी द्वारा प्रशिक्षुओं को जैविक खेती हेतु केंचुआ और नाडेप खाद बनाने हेतु वेस्ट डीकंपोजर को किस प्रकार से उपयोग करना है व इसके उपयोग की क्या विधि है, इसके क्या क्या फायदे हैं आदि की जानकारी विस्तार से दी गई। जबकि कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ एम.के. कुरील ने प्रतिभागियों को हॉर्टिकल्चर के स्कोप के बारे में विस्तार से बताया। वैज्ञानिक डॉ एम.के. गुप्ता ने इस दौरान खेती में केंचुए के महत्व, उसके प्रकार और रबी की फसलों के उत्पादन व तकनीकों के बारे में जानकारी दी एवं समस्त स्वयंसेवकों को फील्ड विजिट भी करवाई गई, जिसमें बताया गया कि वर्मी कंपोस्ट बनाने की क्या विधि है एवं वर्मी बेड के उपयोग से हम किस प्रकार बेहतर वर्मी कंपोस्ट तैयार कर सकते हैं तथा वर्मी कंपोस्ट का फसलों में महत्त्व के बारे में जानकारी दी। कंपोस्ट उत्पादन हेतु पॉलीबैग प्रदान किया गया। यह प्रशिक्षण स्वयंसेवक इंगेजमेंट कार्यक्रम के अंतर्गत करवाया गया ताकि ग्रामीण युवक-युवतियों के कौशल विकास के साथ जीविकोपार्जन के नवीन तरीको से अवगत करवाया जा सकें। यह प्रशिक्षण एजुकेट गर्ल्स संस्था खंडवा द्वारा ग्रामीण युवक एवं युवतियों के लिए आयोजित किया गया था।
No comments:
Post a Comment