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Wednesday 25 November 2020

मास्क ही संजीवनी है, जब तक दवाई नहीं - तब तक ढिलाई नहीं

 मास्क ही संजीवनी है, जब तक दवाई नहीं - तब तक ढिलाई नहीं

खण्डवा 25 नवम्बर, 2020 -  जिस तरह से कोविड संक्रमण के मामले निकल कर आ रहे हैं, यह चिन्ताजनक हैं। आमजन को अत्यधिक सतर्कता और सजगता के साथ सामाजिक दूरी, मास्क तथा सेनेटाइजर का प्रयोग करते हुए अपने-आप का बचाव करना है, जब तक जरुरी न हो घर से बाहर न निकलें। यह देखा गया है कि लॉकडाउन के दौरान आमजन कोरोना से संबंधित बचाव के व्यवहार अत्यंत सतर्कतापूर्वक अपना रहे थे, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद यह देखा जा रहा है कि लोगों में कोरोना से संबंधित सावधानियां जैसे कि सामाजिक दूरी का पालन, मास्क लगाना तथा हाथ धोना अब उतनी गंभीरता से नहीं किया जा रहा है। इसी कारण हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। 

        यदि मास्क लगाने और सामाजिक दूरी जैसे व्यवहार का पालन करते हैं, तो कोरोना के प्रकरणों में काफी कमी ला सकते हैं। कोरोना का टीका आने तक मास्क का प्रयोग एक प्रभावी बचाव के साधन के रुप में कार्य कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि कोविड के प्रारंभिक लक्षण जैसे सर्दी-खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ होने पर फीवर क्लीनिक में अपनी जांच तुरंत करवाएं, स्वयं इलाज न करें, ऐसी स्थिति में कई बार जान का जोखिम होता है। सभी को सामाजिक दूरी का पालन करना एवं अनिवार्यतः मास्क लगाना इस व्यवहार को अपने दैनिक जीवन शैली का एक हिस्सा बनाना होगा।

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