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Wednesday 10 February 2016

हनुवंतिया टूरिस्ट कॉम्पलेक्स- एक आह्लादकारी अनुभव - शिवराज सिंह चौहान

हनुवंतिया टूरिस्ट कॉम्पलेक्स- एक आह्लादकारी अनुभव
- शिवराज सिंह चौहान

खण्डवा 10 फरवरी, 2016 -  कहा जाता रहा है कि आराम हराम है । हमें कर्मठ होने और हमेशा व्यस्त रहने की शिक्षा दी जाती रही है। यह बहुत अच्छी बात है। इससे हम अपने काम को पूरी सफलता से कर पाते हैं। लेकिन यह बात भी उतनी ही सही है कि काम ही काम करते रहने से जीवन उबाऊ और नीरस होने लगता है। इससे हमारी शारीरिक और मानसिक क्षमताओं पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे बचने के लिये हमें समय-समय पर आमोद-प्रमोद भी करते रहना चाहिये। अगर यह मनोरम प्रकृति की गोद में संभव हो, तो इसका कोई जवाब ही नहीं है। इसीलिये हमारे पूर्वजों ने देशाटन और पर्यटन को बहुत अधिक महत्व दिया।
अपनी सिंगापुर यात्रा में मेरा श्सेन्टोसा आइलेण्डश् जाना हुआ। वहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता ने मुझे मंत्र-मुग्ध कर दिया। उस आइलेण्ड को जिस तरह अदभुत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है, उससे मुझे प्रेरणा मिली कि मध्यप्रदेश में भी ऐसा कोई स्थल विकसित किया जाये। तत्काल मेरे मन में नर्मदा सागर बाँध के बेकवाटर में उभरे हनुवंतिया का चित्र उभर आया। वहाँ की मनोहारी प्राकृतिक सुषमा, सघन वन प्रांत और सुन्दर दृश्यावलियों को देखते हुए इससे सुन्दर स्थान कोई नहीं हो सकता। संत के हदृय जैसे निर्मल नर्मदा जल की लहरों ने मुझे बचपन से ही बहुत आकर्षित किया है। माँ नर्मदा की लहरों में अठखेलियाँ करते हुए मेरा बचपन बीता। नर्मदा के तटों पर साधु-संतों के आश्रम, मंदिर और अन्य धार्मिक स्थान युगों-युगों से योगियों, सन्यांसियों, यायावरों और गृहस्थ श्रद्धालुओं को आकर्षित करते रहे हैं। लेकिन इन अनूठे प्राकृतिक स्थल में ऐसा कोई स्थान नहीं है जहाँ लोग आमोद-प्रमोद कर सकें और परिवार के साथ वीकेण्ड मना सकें।
भोपाल लौटते ही मैंने पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों को अपना विचार बताया। उन्हें यह बहुत अच्छा लगा। देखते ही देखते उन्होंने रात-दिन मेहनत कर इसे यथार्थ में बदल दिया। अब चुनौती यह है कि इस स्थान से अधिक से अधिक लोगों को किस तरह परिचित करवाकर उन्हें आकर्षित किया जाये। भागमभाग भरी जिन्दगी में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो प्राकृतिक स्थलों पर परिवार और प्रियजनों के साथ कुछ समय बिताना चाहते हैं। इसके लिये हनुवंतिया पर टूरिस्ट कॉम्पलेक्स बनाया गया है जहाँ बहुत अच्छी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। पर्यटन में मार्केटिंग का बहुत महत्व है। इसीको देखते हुए हमने हनुवंतिया में क्रूज ष्नर्मदा क्वीनष् पर मंत्रि-परिषद् की बैठक की। इसमें हमने पर्यटन को बढ़ावा देने के संबंध में अनेक निर्णय लिये। वहीं मैंने टूरिस्ट कॉम्पलेक्स का भी लोकार्पण किया।
हनुवंतिया में 12 से 21 फरवरी तक जल-महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस रंगारंग महोत्सव में पर्यटकों के साथ-साथ टूर और ट्रेवल कम्पनियों को भी आमंत्रित किया गया है। उन्हें इस स्थान पर पर्यटन को बढ़ावा देने की संभावनाओं को देखने का अवसर प्राप्त होगा। जल महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, एडवेंचर स्पोर्टस गतिविधियाँ, पतंगबाजी, वॉलीबाल, केम्पफायर, स्टार ग्रेजिंग, साइकिलिंग, पैरा मोटरिंग, पैरा सेलिंग, हॉट एयर बलून, बर्ड वाचिंग जैसी अनेक गतिविधियाँ होंगी। और हाँ, खाने-पीने के शौकीनों के लिये वहाँ फूड जोन भी होगा। जहाँ विशेषकर मालवा और निमाड़ के व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलेगा। स्थानीय कला, संस्कृति और शिल्पों का भी अदभुत समागम होगा। समुद्र की तरह विस्तृत नर्मदा जल पर क्रूज शिप में घूमने का आनन्द भी अविस्मरणीय रहेगा। मैं यह बात दावे से कह सकता हूँ कि हनुवंतिया में कुछ समय बिताने से निश्चय ही जीवन में नई ताजगी आयेंगी। जल महोत्सव का आनन्द तो अविस्मरणीय होगा ही। तो फिर इंतजार किस बात का? कीजिये हनुवंतिया जाने की तैयारी।                                                  
                                                                                                             ( लेखक मध्यप्रदेष के मुख्यमंत्री है )

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