एक्यूड फ्लेसिस पेरालिसीस एवं वैक्सिन प्रिवियस डिसीस कार्यशाला सम्पन्न
खण्डवा 6 अगस्त, 2021 - एक्यूड फ्लेसिस पेरालिसीस एवं वैक्सिन प्रिवियस डिसीस कार्यशाला शुक्रवार को सिविल सर्जन कान्फ्रेन्स हॉल में आयोजित हुई। कार्यशाला में सभी बी.एम.ओ., बीई.ई., मेडिकल ऑफिसर, बी.सी.एम. उपस्थित थे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.एस. चौहान ने बताया कि सभी चिकित्सक ओ.पी.डी. में आने वाले मरीज 15 वर्ष तक जिनको शरीर मंे किसी भी कारण से ढीला-पन, लूंज या कमजोर हो उनकी सूचना देकर ईलाज करना सुनिश्चित करंे। एस.एम.ओ. डॉ. राहुल कामले, डब्ल्यू.एच.ओ व्दारा प्रेजेन्टेशन के माध्यम से रिपोर्टिंग कैसे की जाये एवं इनके लक्षण आदि की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को बुखार के साथ चकत्ते/लाल सूखे दाने हो, वो खसरा एवं रूबेला के लक्षण हो सकते है। इसी प्रकार यदि किसी व्यक्ति को बुखार, गले में दर्द या टांसिल का लाल होना या खांसी एवं टांसिल या उसके आसपास व्हाईट/डार्क ग्रे थक्का/झिल्ली होना तो उसे गलघोटू के लक्षण हो सकते है। कार्यशाला में बताया गा है कि यदि किसी व्यक्ति को कम से कम दो सप्ताह से खांसी हो एवं इनमे से कोई भी एक लक्षण हो खांसी का लगातार होना/खासने के बाद सांस लेने की जोरदार आवाज होना/खासने के तुरंत बाद उल्टी का होना/अन्य स्पष्ट चिकित्सकीय कारण अस्थमा टी.वी. न होना उसे काली खांसी के लक्षण हो सकते है। जीवन के पहले दो दिन के दौरान चूसने एवं रोने की सामान्य क्षमता वाला कोई नवजात जिसे 3 दिन से 28 दिन की आयु के बीच सामान्य रूप से मॉ का दूध न चूस पाना या न रोना और शरीर का कड़ापन/अकडाईट/चमकी का लक्षण होना यह सभी टीटनेस के लक्षण हो सकते है। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. अनिल तंतवार ने बताया की सभी 5 वर्ष तक के बच्चो को टीकाकरण समय अनुसार करवायेे एवं जान लेवा बीमारियांे से बचाये।
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