AAPKI JIMMEDARI

AAPKI JIMMEDARI

Saturday, 22 August 2020

मॉं दुर्गा व गणेश की मूर्तियां बेचकर समूह की महिलाएं हो रही हैं आत्मनिर्भर

 सफलता की कहानी

मॉं दुर्गा व गणेश की मूर्तियां बेचकर समूह की महिलाएं हो रही हैं आत्मनिर्भर
आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बने महिला स्वसहायता समूह 
 

खण्डवा 22 अगस्त, 2020 - खण्डवा जिले में स्वसहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही है। स्वसहायता समूह की महिलाएं इन दिनों गणेशोत्सव के दौरान इको फ्रेंडली गणेश व मॉं दुर्गा की प्रतिमाएं तैयार कर रही है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला प्रबंधक श्रीमती नीलिमा सिंह ने बताया कि पंधाना विकासखण्ड के ग्राम बोरगांव बुजुर्ग में महिला स्वसहायता समूह की सदस्य मीरा पति महेश प्रजापति को माटी कला संबंधी व्यवसाय करने हेतु 60,000 का ऋण बैंक एवं ग्राम संगठन से प्राप्त हुआ इस राशि से मीरा ने माटी कला के मौसम के अनुसार अलग-अलग उत्पाद तैयार कर बाजार में उनका विक्रय करने का कार्य प्रारंभ किया है। मीरा ने गर्मी के मौसम में दीदी के द्वारा मिट्टी के बर्तन पानी के मटके रांझन एवं त्योहारी सीजन में मिट्टी के दिए मिट्टी के खिलौने आदि तैयार कर बाजार में बेचे। गणेश उत्सव का सीजन देखते हुए मीरा ने गणेश जी की आकर्षक प्रतिमाएं तैयार कर 600 नग अलग-अलग आकार में तैयार की है, जो वह बाजार में विक्रय कर रही है। मीरा ने बताया कि इनके निर्माण पर  कुल लागत रू. 30000 आईं है, जबकि इन मूर्तियों का बाजार मूल्य लगभग 1 लाख रू. है। इन मूर्तियों को बेचकर मीरा को 70000 का शुद्ध मुनाफा होने की संभावना है। इसी तरह आगामी दिनों में मनाए जाने वाले नवदुर्गा व दीवाली उत्सव के दौरान वह दुर्गा माता व लक्ष्मी माता अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों का निर्माण कर नवरात्रि में विक्रय करने की कार्य योजना है जिससे दीदी को काफी मुनाफा होने का अनुमान है।

जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री महेन्द्र सिंह घनघोरिया ने बताया कि खण्डवा विकासखण्ड के ग्राम जावर के ओम सांईराम आजीविका महिला स्वसहायता समूह की दीदीयों ने इस बार गणेश चतुर्थी के अवसर पर आकर्षक इको फें्रडली गणेश प्रतिमाएं तैयार की हैं, जिन्हें जावर के साथ साथ खण्डवा शहर में भी पसंद किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गणेश प्रतिमाएं तैयार कर समूह की महिलाएं अपनी आय भी बढ़ा रही हैं।

No comments:

Post a Comment