सोयायाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह
खण्डवा 29 जुलाई, 2020 - कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि कोरोना वायरस संक्रमण को ध्यान में रखते हुए कृषि कार्य के दौरान 4 से अधिक व्यक्तियों को इकट्ठा ना होने दें तथा उनके बीज 2 मीटर की पर्याप्त दूरी रखें। बुखार व सर्दी खांसी की स्थिति में अपने खेतों पर काम कर रहे श्रमिकों व व्यक्तियों को चिकित्सकीय परामर्ष की सलाह दें। कोरोना वायरस से सुरक्षा हेतु अपने चेहरे पर मास्क, गमछा, रुमाल, कपडा लगाएं तथा हाथों मंे मौजे व ग्लब्स लगाना अनिवार्य करें। कृषि कार्य करते समय मादक पदार्थ व तम्बाकू का सेवन ना करें। समय-समय पर 20 सेंकड तक अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धोंये। उप संचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता ने बताया कि सोयाबीन की खेती किये जाने वाले अधिकतम क्षेत्रों में विगत कुछ दिनों से लगातार वर्षा नही होने के समाचार हैं इस स्थिति में सूखे के कारण उन क्षेत्रों की फसल प्रभावित हुई है।
कृषको को सलाह दी गई है कि ऐसे खेतों में जमीन में दरारें पडने से पहले ही सुविधानुसार सिंचाई का प्रबंध करे। यह भी सलाह दी गई है कि खेत की उपलब्ध नमी को बनाये रखने हेतु अंतः सस्यकर्षण निराई गुडाई पलवार लगाना आदि पद्धतियों को अपनाएं। कुछ क्षेत्रो में सोयाबीन की फसल पर पीला मोजाईक वायरस जनित बीमारी का प्रकोप प्रांरभ होने की सूचना प्राप्त हुई है। अतः यह सलाह दी जाती है कि इसके फैलाव को रोकने हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही अपने खेत में जगह-जगह पर पीला चिपचिपा ट्रैप लगाएं जिससे इसका संक्रमण फैलाने वाली सफेद मक्खी का नियंत्रण होने में सहायता मिलें। इसके रोकथाम हेतु यह भी सलाह है कि फसल पर पीला माजाईक रोग के लक्षण दिखते ही ग्रसित पौधों को अपने खेत से निष्कासित करे। ऐसे खेत में सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु अनुशंसित पूर्व मिश्रित सम्पर्क रसायन जैसे बीटासायफ्लुथ्रिन व दमिडाक्लोप्रिड 350 मिली प्रति हेक्टेयर या पूर्व मिश्रित थायोमिथाक्सम व लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 125 मिली प्रति हेक्टेयर का छिडकाव करे जिससे सफेद मक्खी कके साथ-साथ पत्ती खाने वाले कीटो का भी एक साथ नियंत्रण हो सके।
सोयाबीन की फसल में नुकसान करने वाले विभिन्न कीट पर्ण भक्षी, तना, मक्खी, सफेद मक्खी, गर्डल बीटल, चने की इल्ली आदि के प्रबंधन हेतु कीटनाशको का उपयोग करें। कृषको को सलाह दी गई है कि वे अपने खेतों में फसल निरीक्षण के उपरांत पाएं गए कीट विशेष के नियंत्रण हेतु अनुशंसित कीटनाशक की मात्रा को 500 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से पानी के साथ फसल पर छिडकाव करें। कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल में फफूंदजनित एन्थ्रेकनोज नामक बीमारी का प्रकोप होने की सूचना प्राप्त हुई है। अतः इनके नियंत्रण हेतु सलाह है कि टेबूकोनाझोल 625 मिली प्रति हेक्टेयर अथवा टेबूकोनाझोल व सल्फर 1 किग्रा प्रति हेक्टेयर अथवा पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20 डब्ल्यु.जी. 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर अथवा हेक्जाकोनाझोल 5 प्रतिशत ई.सी. 800मिली प्रति हेक्टेयर से छिडकाव करंे।
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