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Thursday 19 February 2015

व्यक्तिगत पुरस्कार प्राप्त करने वाले किसानों में खण्डवा जिले की श्रीमती रेखा सैनी भी शामिल

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में
मध्यप्रदेश निकला श्बीमारूश् श्रेणी से बाहर
कृषि के क्षेत्र में प्रदेश में हुआ चमत्कारिक विकास
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश को प्रदान किया कृषि कर्मण पुरस्कार
लगातार तीसरे साल मिला प्रतिष्ठित पुरस्कार
व्यक्तिगत पुरस्कार प्राप्त करने वाले किसानों में खण्डवा जिले की श्रीमती रेखा सैनी भी शामिल



खण्डवा (19फरवरी,2015) - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश श्बीमारूश् राज्यों की श्रेणी से बाहर निकला है। उन्होंने श्री चौहान द्वारा चलाये गये विकास अभियान की तारीफ की। प्रधानमंत्री श्री मोदी आज राजस्थान के सूरतगढ़ में राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे।
समारोह में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश को गेहूँ उत्पादन में सर्वाधिक वृद्धि के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदान किया। पुरस्कार स्वरूप 2 करोड़ रुपये की राशि, ट्रॉफी और प्रशस्ति-पत्र दिये गये। मुख्यमंत्री श्री चौहान इस पुरस्कार को ग्रहण करने वाले थे। लेकिन मौसम की खराबी के कारण एयर ट्राफिक कंट्रोल द्वारा उड़ान की अनुमति नहीं मिलने से वह समारोह में उपस्थित नहीं हो सकें। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मध्यप्रदेश की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया। इसे बाद में मध्यप्रदेश को भेज दिया जायेगा।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने श्रेष्ठ उपलब्धियाँ हासिल की हैं। प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाया गया है। साथ ही आधुनिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दिया गया है। कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ने से ही मध्यप्रदेश ने गंगा और यमुना के कछार क्षेत्र वाले प्रदेशों को कृषि क्षेत्र में पीछे छोड़ दिया है।
प्रधानमंत्री ने गेहूँ की उत्पादकता में अधिकतम वृद्धि करने वाले मध्यप्रदेश के दो किसान को व्यक्तिगत कृषि कर्मण पुरस्कार दिये। व्यक्तिगत पुरस्कार प्राप्त करने वाले किसानों में भोपाल जिले के श्री मनोहर पाटीदार और खण्डवा जिले की श्रीमती रेखा सैनी शामिल है। अवार्ड समारोह के सीधे प्रसारण की व्यवस्था कलेक्टर महेष अग्रवाल के निर्देषों पर कलेक्टोरेट सभागृह में विडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। जिसमें जिले के कृषकों ने सम्पूर्ण समारोह का सीधा प्रसारण देखा।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश को इस वर्ष लगातार तीसरी बार कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है। मध्यप्रदेश को वर्ष 2011-12 तथा 2012-13 में सम्पूर्ण खाद्यान्न के लिये कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है। वर्ष 2013-14 में गेहूँ उत्पादन में देश में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये मध्यप्रदेश को यह पुरस्कार दिया जा रहा है। 
कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने वर्ष 2011-12 में 19.85, वर्ष 2012-13 में 20.16 तथा वर्ष 2013-14 में 24.99 प्रतिशत (प्रावधानित) वृद्धि दर प्राप्त की है।
मध्यप्रदेश में वर्ष 2013-14 में 174.78 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उत्पादन हुआ। गेहूँ की उत्पादकता में विगत वर्ष 20.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मध्यप्रदेश द्वारा गेहूँ में उत्पादकता में विगत वर्ष 20.15 फीसदी की वृद्धि करते हुए प्रति हेक्टेयर औसत 29.76 क्विंटल गेहूँ का उत्पादन प्राप्त किया गया। मध्यप्रदेश में गेहूँ 57 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लिया जाता है। प्रदेश में वर्ष 2014-15 में 200 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उत्पादन का अनुमान है।
क्रमांक/83/2015/239/वर्मा

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