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Monday, 12 January 2015

जिले में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर सूर्य नमस्कार का हुआ आयोजन


जिले में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर सूर्य नमस्कार का हुआ आयोजन
जिला स्तरीय कार्यक्रम में विधायक देवेन्द्र वर्मा हुए शामिल
उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुनासा में कलेक्टर एवं एसपी ने भी किया सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार में निहित है सम्पूर्ण योग - विधायक श्री वर्मा
विद्यार्थी स्वस्थ्य तन-मन के लिए रोजाना करें सूर्य नमस्कार - कलेक्टर श्री अग्रवाल












खण्डवा (12जनवरी,2015) - जिले में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर सोमवार को सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत जिले के सभी षिक्षण संस्थाओं में आयोजित सामूहिक सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, अधिकारियों - कर्मचारियों, और गणमान्य नागरिकों समेत हजारों छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। जिले के जिला-स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन शासकीय उत्कृष्ट रायचंद नागड़ा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हुआ। जिसमें खण्डवा विधायक देवेन्द्र वर्मा शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि योग सम्पूर्ण भारतवर्ष की धरोहर है एवं सूर्य नमस्कार में सम्पूर्ण योग निहित है। इसलिए विद्यार्थियों को सदैव सूर्य नमस्कार करना चाहिए।
इस दौरान अपर कलेक्टर एस.एस.बघेल, जिला षिक्षा अधिकारी संजीव भालेराव, एसडीएम शाष्वत शर्मा, और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.सी.पनिका समेत अन्य जिला अधिकारी उपस्थित थे। 
  इसी प्रकार कलेक्टर श्री महेष अग्रवाल और जिला पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह सिकरवार उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुनासा में पहॅुंचकर आयोजित सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में शामिल हुए।  इस दौरान एसडीएम पुनासा बी.कार्तिकेयन , डीपीसी सर्वषिक्षा अभियान श्री सोलंकी, और डिप्टी कलेक्टर प्रियंका गोयल ने भी सूर्य नमस्कार किया। इसके पूर्व कलेक्टर श्री अग्रवाल एवं एसपी श्री सिकरवार ने  मॉं सरस्वती व स्वामी विवेकानन्दजी के चित्रपट पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। 
इस अवसर पर एकत्रिकरण एवं सूचनाएं का प्रसारण आकाशवाणी के द्वारा किया गया। तत्पश्चात् मंगलाचरण, वन्दे मातरम्, स्वामी विवेकानन्दजी का रिकार्डेड शिकागो सन्देश, मध्य प्रदेश गान, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सन्देश के बाद सभी ने सामूहिक सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम (अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भóिका प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम आदि) किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि सूर्य ब्रह्माण्ड की सर्वोच्च शक्ति है। इतना ही नही तन-मन की सुन्दरता, स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए और स्वस्थ्य शरीर के लिए सूर्य नमस्कार एक महत्वपूर्ण योग है। आप सब विद्यार्थी अध्ययन करते है। इसलिए आपकी स्मरण शक्ति जितनी अच्छी होगी आपको अपना भविष्य सवारने के उतने ही अधिक अवसर प्राप्त होेंगे। इसलिए आप विद्यार्थियों को अपनी दिनचर्या में सूर्य नमस्कार शमिल करना चाहिए। वहीं सम्पूर्ण जिले में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम की जानकारी देते हुए परियोजना समन्वयक सर्वषिक्षा अभियान ने बताया कि अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के तकरीबन एक लाख से अधिक विद्यार्थी सूर्य नमस्कार में शामिल हुए।
गौरतलब है कि सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम ऐसी गतिविधि है, जो हमारे शारीरिक और मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करती है। सूर्य नमस्कार भारतीय योग परम्परा का अभिन्न अंग है। यह विभिन्न आसन, मुद्रा और प्राणायाम का वह समन्वय है, जिससे शरीर के सभी अंगों, उपांगों का पूर्ण व्यायाम होता है। राज्य सरकार द्वारा 25 जनवरी 2007 को प्रदेश को प्रथम बार सामूहिक सूर्य नमस्कार तथा प्राणायाम का आयोजन किया था। सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम का मुख्य उद्देश्य सूर्य नमस्कार की प्राचीन परम्परा के माध्यम से जनसामान्य को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। यह आयोजन केवल एक दिवस के लिये नहीं है, बल्कि प्रतीक रूप में इसे एक दिवस आयोजित किया गया था। सूर्य नमस्कार के महत्व को देखते हुए अनेक संस्थाओं द्वारा इसकी निरन्तरता को बनाये रखा गया है।
 वर्ष 2007 से प्रदेश के समस्त विद्यालयों में इसका आयोजन सतत् किया जा रहा है। पूर्व में आयोजित इस कार्यक्रम की सफलता से प्रेरित होकर राज्य शासन द्वारा इसे प्रतिवर्ष आयोजित करने का निर्णय लिया गया। द्वितीय वर्ष 12 जनवरी 2008, तृतीय वर्ष में 21 जनवरी 2009, चतुर्थ वर्ष 12 जनवरी 2010, पंचम वर्ष 12 जनवरी 2011, षष्टम वर्ष 12 जनवरी 2012, सप्तम वर्ष 12 जनवरी 2013, अष्टम वर्ष 13 जनवरी 2014 एवं नवम वर्ष आज 12 जनवरी 2015 को आयोजन किया गया। सूर्य नमस्कार तथा प्राणायाम में प्रार्थना की मुद्रा, हस्त उŸाानासन, पाद हस्तासन, अश्व संचालनासन, पर्वतासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, पर्वतासन, अश्व संचालनासन, पाद हस्तासन, हस्त उŸाानासन, प्रार्थना की मुद्रा तथा प्राणायाम अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भóिका प्राणायाम एवं भ्रामरी प्राणायाम कर तन, मन और वाणी से की गई सूर्याेपासना है। 
 सूर्य की किरणों से मिलने वाले विटामीन ‘डी’ की प्राप्ति होती है और शरीर के सभी जोड़ों व मांसपेशियों को ढीला करने का तथा आन्तरिक अंगों की मालिश करने का एक सरल एवं प्रभावशाली अभ्यास है। सूर्य नमस्कार बारह स्थितियों से मिलकर बना है। जो इंसान प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं, वे आयु, अच्छी बुद्धी, बल, वीर्य और तेज को प्राप्त करते हैं।
क्रमांक/55/2015/55/वर्मा

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