AAPKI JIMMEDARI

AAPKI JIMMEDARI

Saturday 17 November 2018

मलेरिया व डेंगू संबंधी बचाव व उनके उपचार की जानकारी दी


मलेरिया व डेंगू संबंधी बचाव व उनके उपचार की जानकारी दी

खण्डवा 17 नवम्बर, 2018 - जिला मलेरिया विभाग, नगर निगम और षिक्षा विभाग के सहयोग से शासकीय नेहरू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं सेंट पॉयस हायर सेकेण्डरी स्कूल में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया एवं जीका वायरस की रोकथाम के बारे में रोग की उत्पत्ति, लक्षण एवं बचाव एवं उपचार के बारे में उपस्थित विस्तृत जानकारी षिक्षिकों को दी। साथ ही लार्वा सर्वे एवं प्रचार प्रसार के बारे में विस्तार से बताया गया। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. श्रीमती मनीषा जुनेजा द्वारा बताया गया कि बैठक में उपस्थित सभी ब्लाक स्तर में षिक्षक व षिक्षिकाएं एवं शहरी क्षेत्र के प्रायवेट स्कूलों के संचालक एवं षिक्षक व षिक्षिकाएं बैठक में उपस्थित हुये तथा प्रचार प्रसार सामग्री प्रदान की गई। साथ ही उनके बचाव व उपचार की जानकारी दी गई।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. श्रीमती जुनेजा ने बताया कि जीका वायरस से होने वाले रोग के लक्षणों में मरीजों के शरीर पर चकते पड़ना, बुखार, जोड़ांे में दर्द, मांसपेषियों में दर्द, सिर दर्द, बेचैनी, आंखे लाल होना शामिल है। जीका वायरस से होने वाले रोग के लिए कोई विषेष उपचार नहीं है, सिमटोमेटिक एवं सपोर्टिव उपचार किया जाता है। मच्छरों के काटने से चिकुनगुनिया, डेंगू व मलेरिया रोग होता है। इसके मुख्य लक्षण है तेज बुखार, सिर  दर्द, अल्टी, जोडों में दर्द एवं मांसपेशियों में दर्द होता है ऐसे लक्षण दिखने पर तुरन्त शासकीय अस्पताल में जाकर चिकित्सक को दिखावे और खून की जाँच निःशुल्क करवायें । उन्होंने बताया कि पानी कंटेनर, पानी की टंकिया, अनुपयोगी टायर, टूटे-फूटे बर्तनों आदि स्थानों में पानी भर जाता है और पानी निकासी नहीं होने से उनमें मच्छरों की उत्पत्ति होती है। डेंगू का मच्छर साफ पानी में पैदा होता है व दिन के समय में काटता है। 
घर के आस-पास पानी के गड्डें न रहे, घर में पानी की टंकियों की नियमित रूप से साफ-सफाई करें एवं उसे ढ़क कर रखें, कुलर बर्तन आदि को भी साफ करें । पीने के पानी को साफ स्थान पर ढक कर रखें। शरीर के अंगों को भी अधिकाधिक ढक कर रखे पूरी आस्तिन के कपड़े पहने जिससे मच्छरों से बचा जा सके। नीम की पत्तियों का धुऑं करने से भी मच्छरों का प्रकोप कम होता है। मच्छरदानी का प्रयोग करें। लार्वा को नष्ट करने के लिए पैराथ्रम का छिड़काव किया जाता है अथवा पानी से गड्डों में जला हुआ ऑईल डाले ताकि लार्वा न पनपने न पाये।

No comments:

Post a Comment