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Saturday 21 December 2019

आई.टी. और तकनीकी कौशल के जरिये युवाओं को रोजगार दिलाने की कोशिशें

विशेष लेख

आई.टी. और तकनीकी कौशल के जरिये युवाओं को रोजगार दिलाने की कोशिशें

खण्डवा 21 दिसम्बर, 2019 - प्रदेश में युवाओं को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध करवाने के लिये पिछले एक साल में नित नये नवाचार हुए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के जरिये युवाओं को रोजगारोन्मुखी गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में ग्लोबल स्किल्स पार्क का एक अंश सिटी कैंपस के रूप में गोविंदपुरा, भोपाल में स्थापित किया गया। इस कैम्पस में प्रदेश के आईटीआई, पॉलीटेक्निक तथा इंजीनियरिंग कॉलेजों से उत्तीर्ण विद्यार्थियों को प्रिसीजन इंजीनियरिंग के एक वर्षीय कोर्स में प्रवेश दिया जा रहा है। इस कैम्पस में प्रतिवर्ष 240 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। वर्तमान में 15 जुलाई 2019 से एक वर्षीय एडवांस सर्टिफिकेट कोर्स इन प्रिसीजन इंजीनियरिंग का प्रशिक्षण शुरू किया गया है। इसमें अभी 82 विद्यार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। पिछले 7 महिनों में राष्ट्रीय शिशुता प्रोत्साहन योजना में 3,592 शिक्षुता को प्रशिक्षण दिलाया गया है। अप्रेन्टिसशिप पोर्टल पर 750 प्रतिष्ठानों का पंजीयन भी दिलाया गया और लगभग 10 हजार शिक्षु पंजीकृत हुए।
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना
     मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं कौशल्या योजना में लघु अवधि कौशल प्रशिक्षण के लिये पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में ओला स्किलिंग प्रायवेट लिमिटेड से 7 मार्च 2019 को अनुबंध किया गया। प्रथम बैच में उत्तीर्ण होने वाले 24 छात्रों को 14 जून 2019 को व्हीकल दी गई। इसमें प्रति प्रशिक्षणार्थी प्रति माह 15 हजार रुपये की आय संभावित है। द्वितीय बैच के प्रशिक्षणार्थियों को भी ओला वाहन दिये जा चुके हैं। तृतीय बैच का प्रशिक्षण चल रहा है। मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना में 14 जिलों में 7 प्रशिक्षण प्रदाताओं को मेगा स्किल सेंटर स्थापित करने के लिए चयनित किया गया है। यह सेंटर न्यूनतम 25 हजार वर्ग फीट के होंगे। इसमें केपिटल इंटेंसिव पाठ्यक्रम में प्रतिवर्ष प्रति केन्द्र तीन से पाँच हजार प्रशिक्षणार्थियों को आवासीय प्रशिक्षण दिया जायेगा। नगरीय क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को 100 दिन रोजगार के साथ कौशल प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिये फरवरी 2019 में मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना प्रारंभ की गई है।
       राज्य कौशल विकास मिशन के सुदृढीकरण के लिये केन्द्र शासन द्वारा वर्ल्ड बैंक के सहयोग से 6 वर्ष के लिये संकल्प योजना लागू की गई है। इस योजना में आई.आई.एम. इंदौर, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल, एनआईटीटीटीआर भोपाल, नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी भोपाल तथा क्रिस्प में प्रशिक्षण आयोजित किए गए। स्वशासी इंजीनियरिंग महाविद्यालय, जबलपुर के सिविल तथा इलेक्ट्रिकल संकाय स्वशासी इंजीनियरिंग महाविद्यालय, उज्जैन के सिविल संकाय, स्वशासी सरदार वल्लभ भाई पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, भोपाल के मैकेनिकल तथा इलेक्ट्रिकल संकाय, शासकीय महिला पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, भोपाल के आर्किटेक्चर तथा कम्प्यूटर साइंस के साथ अनुदान प्राप्त एसजीएसआईटीएस इंदौर, एमआईटीएस ग्वालियर तथा एसएटीआई विदिशा के विभिन्न संकायों को भी एन.बी.ए. एक्रीडिएशन प्राप्त हो गया है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
       मध्यप्रदेश में दूरसंचार सेवा, इंटरनेट सेवा, अवसंरचना प्रदाताओं द्वारा वायर लाइन अथवा वायरलेस आधारित वाइस अथवा डाटा पहुँच सेवाएँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अधोसंरचना की स्थापना के लिये अब कंपनियाँ ऑनलाइन आवेदन कर जिला कलेक्टर से भूमि उपयोग का लायसेंस प्राप्त कर सकती हैं। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए आईटी पालिसी में संशोधन कर इसे अधिक आकर्षित बनाया गया है। प्रदेश में नये डाटा सेन्टर की स्थापना में सहयोग देने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी निवेश पोत्साहन नीति-2016 में संशोधन किया गया है। डाटा सेन्टर क्षेत्र में नवीन निवेश को आकर्षित करने के लिये भूमि-बैंक बनाये जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। मेप-आई.टी. के सहयोग से विभिन्न विभागों के इन्टरनल वर्कफ्लो एवं कम्प्यूटरीकरण का कार्य प्रगति पर है। मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेव्लपमेंट कार्पोरेशन द्वारा स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) के उन्नयन का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीन एवं प्रभावी लागत तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है। एप्लीकेशन को क्लाउड होस्टिंग पर रखना आदि जैसे कार्य से आई.टी. में मध्यप्रदेश निरन्तर आगे बढ़ रहा है।

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