‘‘जीका‘‘ वायरस से होने वाले रोगों से बचाव के लिए नागरिकगण करें उपाय
खण्डवा 18 अक्टूबर, 2018 - प्रदेष के निकटतम प्रदेष में जीका वायरस के मरीज मिलने से खण्डवा जिले में भी सर्तकता बरती जा रही है। इस हेतु जीका वायरस बीमारी के उपचार व रोकथाम के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. रतन खण्डेलवाल ने सिविल सर्जन खण्ड चिकित्सा अधिकारी व निजी नर्सिंग अस्पतालों को निर्देष दिए कि वे अपने अपने क्षेत्र में सांवधानी बरतनें और मैदानी स्तर पर सर्तक रहने के निर्देष दिए। उन्होंने बताया कि जीका वायरस रोग एक वायरल रोग है, ये संक्रमित एडिज एजिप्टाई मादा मच्छर के काटने से फैलता है। यही मच्छर डेंगू व चिकनगुनिया रोग भी फैलाता है। 
डाॅ. खण्डेलवाल ने बताया कि जीका वायरस से होने वाले रोग  के लक्षणों में मरीजों के शरीर पर चकते पड़ना, बुखार, जोड़ांे में दर्द, मांसपेषियों में दर्द, सिर दर्द, बेचैनी, आंखे लाल होना शामिल है। जीका वायरस से होने वाले रोग के लिए कोई विषेष उपचार नहीं है, सिमटोमेटिक एवं सपोर्टिव उपचार किया जाता है। इस प्रकार के संदिग्ध मरीज मिलने पर इसकी सूचना तत्काल जिला सर्विलेंन्स इकाई अथवा जिला एपिडिमियोलाॅजिस्ट को उनके मोबाइल नम्बर 9826039770 पर दे सकते है। डाॅ. खण्डेलवाल ने  प्रभावित क्षेत्र में जाने वाले यात्रियों के लिए परामर्ष दिया है कि यदि आवष्यक न हो तो प्रभावित क्षेत्रों कि यात्रा न करें विषेष तौर पर गर्भवती महिलाएं इस रोग से बचाव के उपाय अवष्यक करें। उन्होंने बताया कि एडिज मच्छर दिन के समय में काटता है, इसलिए पूरे बांह के कपड़े पहनने, मच्छरदानी का उपयोग करें, इलेक्ट्रानिक मास्किटों रिपलेंट, क्रीम आदि का उपयोग करें। फेफड़े, हृदय, लीवर, गुर्दा, मधुमेह, कैंसर आदि लम्बी बीमारियों वाले यात्रियों को यात्रा पर जाने से पहले चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए। 
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