पानी का निजिकरण नही होने दिया जाएगा - मुख्यमंत्री
नर्मदा के जल से निमाड़ और मालवा की एक - एक इंच भूमि सिंचित की जाएगी
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मुख्यमंत्री षिवराज सिंह ने पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना का किया लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने उपस्थित जन समूहों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेष सरकार का प्रत्येक कार्य जनहित के लिए होगा। हमारी सरकार के लिए जनहित ही एक मात्र सिद्धांत है। नर्मदा जल के बेहतर उपयोग करने हेतु मध्यप्रदेष शासन लगातार प्रयासरत है। नर्मदा जल से निमाड़ और मालवा के हर गॉंव में कृषि कार्य हेतु पानी पहॅुचाने के लिए हम दृढ़ संकल्पित है। पूर्व सरकारों द्वारा पुनासा उद्वहन सिंचाई परियोजना के लिए हाथ खड़े कर दिए और कहा था कि पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना असंभव कार्य है किन्तु हमारी सरकार ने सितम्बर 2008 को इस कार्य का भूमिपूजन किया और आज हम इस कार्य का लोकर्पण कर रहे है। यह हमारे दृढ़ संकल्प को दर्षाता है। मॉं नर्मदा के जल का बेहतर उपयोग हो इसके लिए हम माइक्रो सिंचाई परियोजना अपनायेंगे और लगभग 37 लाख हेक्टयर से अधिक भूमि को सिंचित करंेगे। ओंकारेष्वर और इन्दिरा सागर बॉंध से नहरों के द्वारा गॉंव - गॉव तक पानी पहॅुचाने के लिये बांध में 191 मीटर तक जल भरा जावे। इसके लिए मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूहों से दोनो हाथ उठाकर समर्थन मॉंगा जिस जनसमूहों ने जयकारों के साथ समर्थन प्रदर्षित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निमाड़ का किसान बहुत मेहनती और कुषल है उसके खेत तक पानी पहॅुच जाए उसके बाद तो वह अन्नदाता बनकर पूरे प्रदेष का पेट भरने में सक्षम है। निमाड़ पानी के दम पर पंजाब और हरियाणा को भी पीछे छोड़ देगा।
नरेन्द्र मोदी वेष्विक नेता - मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को वेष्विक नेता बताया और कहा कि उनके द्वारा किए जा रहे कार्य पूरे विष्व में भारत की अलग पहचान बना रहे है। भारत पुुनः अपनी खोई हुई गरिमा को प्राप्त कर रहा है। मोदीजी द्वारा जमीन अधिग्रहण लाने से अंग्रेजों के जमाने के कानून खत्म हो रहे है। इससे विरोधी विचलित हो गए है।
बांध पुर्नवास कार्य योजना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पुर्नवास के लिए हमारी सरकार बेहतर कार्य किया। प्रारंभ में 1 करोड़ उसके बाद 20 करोड़, 2007-2008 में भी 31 करोड़ रूपये उपलब्ध कराये थे और जब बॉंध को 189 से 191 मीटर भरने की बात आई और उस पर षिकायते आई तो हमने कमेटी बनाई और किसानों और मजदूरों को चर्चा के लिए बुलाया। 212 करोड़ की मॉंग की एवज में 225 करोड़ रूपये का पेकेज उपलब्ध कराया। कृषि विहिन मजदूरों को मुआवजे के रूप में ढाई लाख रूपये दिए गए। अभी भी कुछ लोग हटधर्मिता के कारण विकास कार्याे में रोडा लगा रहे है। किन्तु हम विकास के लिए कृत संकल्पित है। जमीन के बदले जमीन ले यदि उन्हें कोई और पेकेज चाहिए तो उन्हें और भी पेकेज दिये गये है। बॉंध मंे पानी जल स्तर बढ़ाने से वर्तमान में कोई जमीन डूब में नही आ रही। किन्तु फिर भी कुछ लोग बिना कारण विवाद खड़ा कर रहे है। आज तो निमाड़ के लिये समृद्धि का उत्सव है हम सब इस उत्सव को मनाए। नर्मदा का जल भविष्य निमाड़ की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल देगा। इसके लिये हम लगातार प्रयासरत है।
इस अवसर पर खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री विजय शाह ने कहा कि पूर्व की सरकारों और वर्तमान की सरकारों मंे आप अंतर स्वयं देख रहे है। यह जनहितेषी सरकार है और पूर्व की सरकार जनषोषण वाली सरकार थी। ऐसा आप स्वयं महसूस करते है । षिवराज सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास की जो गंगा बह रही है, उसमें हम सब भागीदार है। मंत्री जी ने पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना के समान हरसूद उद्वहन सिंचाई योजना बनाये जाने की मॉंग की। सांसद नंदकुमार चौहान ने उदबोधन में कहा कि जो कार्य अन्य सरकारों के लिए असम्भव था। उसको सम्भव बनाने का कार्य षिवराज जी ने किया है। षिवराज सिंह की सरकार ने प्रदेष में 70 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित कर दिया है। सीएम ने खेत - खेत तक पानी पहॅुचाकर किसान पुत्र होने का फर्ज निभाया है। इस अवसर में विधायक लोकेन्द्र तोमर ने भी संबोधित किया, एनवीडीए के रजनीष वैष्य ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर एनवीडीए की प्रमुख सचिव रेणुपंत, संभागायुक्त संजय दुबे, आईजी विपिन माहेष्वरी उपस्थित थे।
पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना
इस योजना से खण्डवा जिले के 99 गॉंवो की 35008 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। सिंचाई के साथ ही सिंचाई लाभ लेने वाले गॉंवो और मूंदी नगर को पेयजल की आपूर्ति भी होगी। योजना के कमाण्ड क्षेत्र में अधिकांषतः छोटी जोत के किसान हैं जो अब तक सूखी खेती पर ही निर्भर थे। सिंचाई लाभ लेने वाले किसानों मंे 25 प्रतिषत आदिवासी किसान है। पुनासा उद्वहन योजना के अंतर्गत खण्डवा जिले के ग्राम चॉंदेल के पास इंदिरा सागर मुख्य नहर के शीर्ष पर निर्मित कन्ट्रोल स्ट्रक्चर के जेकवेल से जल उद्वहन के लिये आवष्यक बिजली की पूर्ति इंदिरा सागर नहर परनिर्मित 15 मेगावाट क्षमता के पावर हाऊस के की जायेगी।
प्रथम चरण उद्वहन से बैलेन्सिंग रिजरवायर क्र. 1 में संग्रहित जल से 40 गॉॅंवो की 12012 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। द्वितीय चरण उद्वहन से बैलेन्सिंग रिजरवायर क्र. 2 में संग्रहित जल से 28 गॉंवों की 7497 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। इसी प्रकार तृतीय चरण उद्वहन से बैलेन्सिंग रिजरवायर क्र. 3 में संग्रहित जल से 31 गॉंवो की 15502 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। पुनासा उद्वहन योजना की विषेषता यह है कि इस योजना के अंतर्गत समस्त सिंचाई भूमिगत पाईप लाईन के माध्यम से होगी। इस प्रकार योजना में भूमि अधिग्रहण न्यूनतम है। वितरण प्रणाली की कुल लंबाई लगभग 480 किलोमीटर है। राईजिंग मेन की कुल लंबाई 26 कि.मी. है। मध्यप्रदेष शासन द्वारा योजना की पुनरीक्षित प्रषासकीय स्वीकृति रूपये 482.80 करोड़ जारी की गई थी।
क्रमांक/32/2015/450/ए.आर.
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