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Wednesday 6 September 2017

सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह

सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह

खण्डवा 06 सितम्बर, 2017 - उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री हीरेन्द्र ओंकार ने बताया कि जिन क्षेत्रों में सोयाबीन फसल पर सफेद सुण्डी का प्रकोप हुआ था वहां अगली फसल लेने से पूर्व क्विनालफॉस 1.5 प्रतिषत 16.5 कि.ग्रा./हे. की दर से भुरकाव कर जमीन में अच्छी तरह मिला दें। ऐसा करने से सफेद सुण्डी की इल्ली अथवा प्यूपा (षंखी) को नष्ट करने में सहायता मिलेगी एवं अगली फसल मंे प्रकोप कम होगा। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में पत्ती खाने वाली इल्लीयों का प्रकोप देखा गया है। ऐसे स्थानों पर तुरंत क्विनालफॉस 1500 मिली./हे. या इन्डोक्साकार्ब 333 मिली/हे. या फ्लूबेन्डियामाइड 500 मिली/हे. का 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। जिन स्थानों पर पत्ती खाने वाली इल्लियों के साथ-साथ रस चूसने वाले कीट जैसे सफेद मक्खी, हरा जैसिड आदि का प्रकोप है, वहां फसल पर थायामिथोक्सम $ लेम्बडा सायहेलोथ्रिन 125 मिली/है या बीटासायफ्लूथ्रीन $ इमिडाक्लोप्रीड 350 मिली/हे. का 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। इसी तरह जिन स्थानों पर फसल में गर्डल बीटल का प्रकोप प्रारंभ हो चुका है वहां थायक्लोप्रीड 21.7 एस.सी. (650मिली/हे.) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी. (1250 मिली/हे.) या ट्रायझोफॉस (800 मिली/हे) या बीटासायफ्लूथ्रीन $ इमिडाक्लोप्रीड 350 मिली/हे. का 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि जहां पर सोयाबीन में मोजेक/पीली मोजेक बीमारी का प्रकोप प्रारंभ हो, उसके लिए सलाह है कि इससे ग्रसित पौधों को अपने खेत से उखाड़कर गड्डे में दबा दें तथा इसको अन्य पौधों पर फैलाने वाले रोग वाहक कीटों के नियंत्रण हेतु थायामिथोक्सम$लेम्बडा सायहेलोथ्रिन 125 मिली/है. अथवा बीटासायफ्लूथ्रीन इमिडाक्लोप्रीड 350 मिली./हे. का 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन फसल पर पत्ती धब्बा तथा एन्थ्रेकनोज नामक बीमारियों के प्रकोप की संभावना है। इनके नियंत्रण हेतु टेबूकोनाझोल $ सल्फर (पूर्व मिश्रित फफूंदनाषक) (2 ग्रा./लीटर पानी) या थायोफिनेट मिथाइल या कार्बेन्डाझिम (1 ग्रा./लीटर पानी) का छिड़काव करें।

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