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Thursday 24 August 2017

सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह

सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह

खण्डवा 24 अगस्त, 2017 -  उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री हीरेन्द्र ओमकार ने बताया कि कहीं-कहीं सोयाबीन फसल में सफेद सुण्डी (वाइट ग्रव) का प्रकोप देखा गया है जिसके कारण फसल सूख रही है। इसके नियंत्रण हेतु प्रभावित स्थानों पर (जड़ों के पास) क्लोरापायरीफॉस 20 ईसी. 1500 मिली./हेक्टयर का पर्याप्त पानी का छिड़काव करें जिससे कीटनाषक का घोल जमीन में 2-3 इंच पहॅुंच सकें। क्लोरपायरीफॉस के छिड़काव के स्थान पर इस दवाई का दानेदार 10 जी की 20 कि.ग्रा. मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से डाले एवं सिंचाई कर दंे। उन्होंने बताया कि कुछ क्षेत्रों में पत्ती खाने वाली इल्लीयों का प्रकोप भी देखा गया है। ऐसे स्थानों पर तुरंत क्विनलाफॉस 1500 मिली./हे. या इन्डाक्साकार्ब 333 मिली./हे. का 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। साथ ही जहां पर सोयाबीन में मोजाइक/पीली मोजाइक बीमारी का प्रकोप प्रारंभ हो, सलाह है कि इससे ग्रसित पौधों को अपने खेत से उखाड़कर गढढे में गाढ़ दें तथा इसको अन्य पौधों पर फैलाने वाले रोग वाहक कीटों के नियंत्रण हेतु बीटासायफ्यूथ्रीन $ इमिडाक्लोरोप्रीड 350 मिली./हे. का 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन फसल पर पत्ती धब्बा तथा एन्थ्रकनोज नामक बीमारियों के प्रकोप की संभावना है। इनके नियंत्रण हेतु टेबूकोनाझोल या टेबूकोनाझोल सल्फर ( पूर्व मिश्रित फफूंदनाषक) 2 ग्राम./लीटर पानी या थायोफिनेट मिथाइल या कार्बेन्डाडिझम 1 ग्राम/लीटर पानी का छिड़काव करने की सलाह दी गई है। 

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