सफलता की कहानी
‘‘बीमारी सहायता योजना‘‘ से राधा को मिला नवजीवन
खण्डवा 30 जनवरी, 2018 - पंधाना तहसील के ग्राम पोखरखुर्द निवासी बद्रीलाल की बेटी कुमारी राधा दागोडे काफी समय से परेषान थी, जरा सा चलती या खेलती तो सांस फूलने लगती, धीरे-धीरे वजन भी घटने लगा और राधा बहुत कमजोर हो गई। इस कारण से माता पिता ने उसकी पढ़ाई छुड़वा दी। डॉक्टरों को दिखाया तो उन्होंने बताया कि राधा के हृदय में कुछ खराबी है। जिला अस्पताल खण्डवा में विस्तृत चेकअप कराने पर ज्ञात हुआ कि उसके हृदय के दो वॉल्व खराब है, इस कारण से यह समस्या चल रही है। गरीबी के कारण हृदय के दो वॉल्व बदलवाना बद्रीलाल के बस की बात नहीं थी, क्योंकि लाखों का खर्चा उठाना उसके लिए असंभव सा था।
बद्रीलाल को गांव में किसी ने बताया कि प्रदेष सरकार की बीमारी सहायता योजना के तहत बेटी के इलाज के लिए मदद मिल सकती है। बद्रीलाल ने खण्डवा जिला चिकित्सालय में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से सम्पर्क कर अपनी समस्या बतायी। उन्होंने इंदौर के किसी बड़े अस्पताल में राधा का स्वास्थ्य परीक्षण कराने तथा उसके हृदय रोग के उपचार के लिए एस्टिमेट बनवाने को कहा। बद्रीलाल ने इंदौर के सी.एच.एल. अपोलो अस्पताल में सम्पर्क किया, जहां डॉक्टरों ने उसे 1.65 लाख रूपये का खर्चा ऑपरेषन के लिए बताया। वहां से एस्टिमेट लेकर बद्रीलाल मुख्य चिकित्सा अधिकारी खण्डवा से मिला। उसकी बेटी का प्रकरण विधिवत स्वीकृत हो गया और उसके दोनो वॉल्व बदलने के लिए कुल 1.65 लाख रूपये की मदद मिल गई। इंदौर के सी.एच.एल. अपोलो अस्पताल में ऑपरेषन होने के बाद से राधा अब सामान्य बच्चों की तरह जीवन यापन कर रही है और पढ़ाई भी दोबारा शुरू कर दी।
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