खाद्य प्रसस्ंकरण के संबंध में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व महिला समूहों को दिया प्रषिक्षण
खण्डवा 26 दिसम्बर, 2017 - कृषि विज्ञान केन्द्र, खण्डवा द्वारा खाद्य प्रसंस्करण से आय वृद्धि पर पॉच दिवसीय प्रषिक्षण आयोजित किया गया। इस प्रषिक्षण कार्यक्रम में खण्डवा विकास खण्ड के 14 गॉव की 27 ऑंगनवाड़ी कार्यकर्ता व महिला समूह की सदस्यों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम में केन्द्र की गृह विज्ञान विषेषज्ञ डॉ. रष्मि षुक्ला ने पहले दिन टमाटर केचप दूसरे दिन ऑंवला अचार, ऑंवला षरबत, ऑंवला केंडी, ऑंवला सुपारी, ऑंवला मुरब्बा, ऑंवला मुरब्बा (कद्दूकस), तीसरे दिन ऑंवला लड्डू, नींबू का मीठा अचार, नींबू का अचार व चौथे दिन अमरूद चीज, अमरूद जैम, अमरूद जैली बनाना सिखाया। डॉ. रष्मि षुक्ला ने अंतिम दिन इन सभी मूल्य संवर्धित उत्पादो को सुरक्षित रखने के विभिन्न तरीके व भण्डारण विधियॉं बतलाई।
समापन अवसर पर बी.एम.कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. पी.पी. षास्त्री ने कहा कि मूल्य संवर्धित कर उत्पाद बनाने तक की प्रक्रिया से कहीं कठिन प्रक्रिया है इन उत्पादों की मार्केटिंग करना। अतः फिनिष्चड प्रोडक्ट की जगह बड़े उद्योगो को लगने वाले प्रोडक्ट तैयार करे जिससे कार्य की निरन्तरता एवं आय का निष्चित जरिया बन सके। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. डी.के. वाणी ने कहा कि इन मौसमी फलों की पौष्टिकता को वर्ष भर पाने के लिए इन मूल्य संवर्धन विधियों का प्रयोग करें।
प्रषिक्षणार्थी सुश्री चंदा नीलकंठ ने बताया कि अब वे फलों का स्वाद सालभर ले सकती है। श्रीमती सलीता गीते ने बताया कि उन्होने पहली बार ऑंवले के लड्डू बनाना सीखे है। श्रीमती कविता सिसौदिया ने इस प्रषिक्षण को लाभकारी बतलाया व मूल्य संवर्धन विधियों को व्यावसायिक तौर पर अपनाने की बात कही।
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