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Tuesday 12 December 2017

दुराचारियों को सख्त सजा दिलाओ, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ

दुराचारियों को सख्त सजा दिलाओ, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ
एम.एल.बी. कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खण्डवा में परिचर्चा सम्पन्न


खण्डवा 12 दिसम्बर, 2017 - भारतीय दण्ड संहिता में 12 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के अपराधों के लिए दो नई धाराए क्रमांश 376 ए ए एवं 376 डी ए अंतः स्थापित कर मृत्यु दण्ड का भी प्रावधान किया जा रहा है। राज्य मंत्री परिषद द्वारा प्रस्तुत विधेयक मंे दुष्कर्मियों व दुराचारियों को मृत्यु दण्ड जैसी सख्त सजा देने संबंधी प्रावधानांे के संबंध में स्थानीय महारानी लक्ष्मी बाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खण्डवा की छात्राओं के बीच परिचर्चा आयोजित की गई। इस परिचर्चा में एक दर्जन से अधिक छात्राएं शामिल हुई। कक्षा 11वी की छात्रा कु. पूजा राठौर ने परिचर्चा में कहा कि प्रदेष सरकार द्वारा दुष्कर्मियों को सख्त दण्ड दिए जाने के लिए कानून बनाने की जो पहल की गई है, वह एक सराहनीय प्रयास है। कु. पूजा ने इस दौरान कहा कि समाज में दुष्कर्म व दुराचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही है, ऐसे में दुराचारियों को फांसी की सजा दिए जाने से इन अपराधियों के मन में सजा का भय रहेगा और इन घटनाओं पर रोक लग सकेगी। पूजा ने अंत में कहा कि ‘‘दुराचारियों को सख्त सजा दिलाओ, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘‘।
कक्षा 11वी की छात्रा ऑंचल यादव ने परिचर्चा मंे कहा कि छोटी बालिकाओं से दुराचार करने वाले अपराधियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान करने के लिए मुख्यमंत्री जी द्वारा जो पहल की गई है वह स्वागत योग्य है। समाज मंे बालिकाओं व महिलाओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि अपराधियों के मन में कानून का डर हो। कु. हिमांषी सुरागे ने परिचर्चा में शामिल होकर कहा कि सख्त सजा के प्रावधान से महिलाओं व बालिकाओं का हौंसला बढ़ेगा तथा अपराधियों के मन में कानून के प्रति खौफ उत्पन्न होगा। इसलिए यह नया कानून शीघ्रता से लागू किया जाना चाहिए।  कु. कसक सोनी ने कहा कि लड़कियों को  नौकरी व षिक्षा के लिए घर से बाहर जाना ही पड़ता है। अपराधियों के कारण लड़कियां घर से निकलने मंे डरती है और असुरक्षित महसूस करती है। सख्त सजा के प्रावधान से लड़कियों को हौंसला मिलेगा। 
परिचर्चा के दौरान कक्षा 12वी की छात्रा कु. हुमेरा अंसारी ने कहा कि दुराचारियों को ऐसा दण्ड मिलना चाहिए कि वे बलात्कार जैसे महापाप को करने से पहले सौ बार सोचे। कु. आरती मोहन सोनी ने इस दौरान कहा कि अपराधी को सख्त सजा न मिलने से इनके हौंसले बुलंद रहते है और लड़कियां उनके डर से घर से बाहर निकलने में सोचती है। अतः मृत्यु दण्ड का प्रावधान एक ऐतिहासिक कदम है, जिसके लिए प्रदेष की लड़कियां मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चौहान की हमेषा आभारी रहेगी। कक्षा 12वी की छात्रा कु. साक्षी पटेल ने कहा कि एक अपराधी को सख्त दण्ड मिलने से अन्य अपराधी दुराचार जैसे अपराध करने से पहले दस बार सोचेंगे। कु. प्राची वर्मा ने परिचर्चा में भाग लेते हुए कहा कि दुष्कर्म के पापियों को ऐसा दण्ड दिया जाना चाहिए जिससे दूसरे अपराधियों के रोंगटे भी खड़े हो जाये। प्राची ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं को समाज में पूरे आत्मविष्वास के साथ रहना चाहिए तथा अपने प्रति हुए अन्याय को कभी छुपाना नहीं चाहिए, क्योंकि अन्याय को छुपाने से अपराधियों के हौंसले बुलंद रहते है। 
कु. देविका ने परिचर्चा के दौरान कहा कि दुष्कर्मी को पाप करके चला जाता है, लेकिन पीडि़त लड़की का जीवन खराब हो जाता है। ऐसे में बलात्कार जैसे महापाप को रोकने के लिए तथा महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा हेतु जरूरी है कि सरकार बलात्कारियों को फांसी की सजा दिलाये। इस दिषा में मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चौहान की पहल अत्यंत सराहनीय है। कु. आयषा ने परिचर्चा के दौरान कहा कि बलात्कारियों को जीने का हक नही होना चाहिए। बलात्कार के लिए मृत्यु दण्ड जैसे सख्त कानून के प्रावधानों का प्रचार प्रसार सरकार को करना चाहिए, जिससे अपराधियों के मन में इस अपराध के प्रति खौफ उत्पन्न हो। 

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