खंडवा (2 मार्च 2014) - राज्य शासन ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिये हैं कि वे असामयिक वर्षा एवं ओला-वृष्टि से हुई व्यापक क्षति का अविलम्ब सर्वेक्षण करवायें। सर्वेक्षण कर जानकारी 5 मार्च, 2014 तक अनिवार्य रूप से भेजने को कहा गया है। राजस्व विभाग, कृषि, उद्यानिकी तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों का संयुक्त दल गठित कर सर्वेक्षण कार्य करवायें। सर्वेक्षण कार्य में पारदर्शिता लाने के लिये स्थानीय जन-प्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाये। फसलों की क्षति के वास्तविक सर्वेक्षण के बाद रेण्डम निरीक्षण संबंधित संभागायुक्त, कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा अपने क्षेत्राधिकार में किया जायेगा, जिससे सर्वेक्षण कार्य में किसी प्रकार की त्रुटि न रहे।
फसल क्षति के सर्वेक्षण के बाद प्रत्येक किसान के अलग-अलग प्रकरण दर्ज किये जायें। प्रत्येक प्रकरण में प्रभावित कृषक के खातों का आकार, बोई गई फसल, कुल धारित रकबा, बोया गया रकबा, सीमांत एवं लघु कृषक/सीमांत एवं लघु कृषक से भिन्न, बैंक खाता क्रमांक, समग्र आई.डी. क्रमांक, मोबाइल नम्बर आदि का स्पष्ट रूप से उल्लेख हो। इस जानकारी के आधार पर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के पैरा-5 के अनुसार प्रत्येक तहसील कार्यालय में प्रारूप-एक में पंजी संधारित की जायेगी। पंजी में उनके क्षेत्राधिकार में प्राकृतिक प्रकोपों से हुई हानि और उपलब्ध करवाई गई सहायता का पूर्ण विवरण रखा जायेगा। इसके लिये शासन द्वारा एक प्रपत्र तैयार किया गया है। यह जानकारी प्रपत्र में राहत कार्यालय को 10 मार्च तक भेजें। निर्देशों में रबी फसलों में हुए नुकसान की जानकारी के सर्वेक्षण का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ शीघ्र करवाकर प्रारंभिक आकलन की जानकारी, जिसमें प्रभावित क्षेत्रफल, कृषकों की संख्या, अनुमानित हानि की जानकारी 5 मार्च तक राहत आयुक्त कार्यालय को ई-मेल से आवश्यक रूप से भेजने को कहा गया है।
शासन द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि इस आपदा से प्रभावितों को विशेष अतिरिक्त आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिये अलग से मेमोरण्डम तैयार कर भारत सरकार को भेजा जायेगा। निर्देशों में भारत सरकार गृह मंत्रालय के उंदनंस वद ।कउपदपेजतंजपवद व िैजंजम क्पेंजमत त्मेचवदेम थ्नदक ंदक छंजपवदंस क्पेंजमत त्मेचवदेम थ्नदक के पैरा-8 (पृष्ठ-3) के प्रावधान अनुसार विस्तृत प्रतिवेदन सभी आवश्यक पत्रकों में जानकारी के साथ 10 मार्च, 2014 तक राहत आयुक्त कार्यालय को अनिवार्य रूप से भेजने को भी कहा गया।
नियंत्रण-कक्ष स्थापित
राजस्व विभाग के अंतर्गत राहत आयुक्त कार्यालय में कक्ष क्रमांक 120-ए प्रथम तल राज्य मंत्रालय, भोपाल में ओले की आपदा से संबंधित नियंत्रण-कक्ष स्थापित किया गया है। कक्ष का दूरभाष क्रमांक 2441419, फैक्स क्रमांक 2440032 तथा ई-मेल तमसपमबिवउ/उच.पद है। यह नियंत्रण-कक्ष आगामी 15 दिवस 24 घंटे तक प्रभावशील रहेगा।
किसानों से सम्पर्क कर उचित सलाह दें
कृषि विभाग के विभागीय अधिकारी रबी मौसम में हो रही आकस्मिक वर्षा तथा ओला-वृष्टि और बार-बार तापमान में होने वाले बदलाव का विपरीत प्रभाव फसलों पर हो सकता है। विशेष रूप से गेहूँ तथा चना फसलों को मौसम की इन परिस्थितियों में गुणवत्ता संबंधी क्षति का खामियाजा उठाना पड़ सकता है। किसान-कल्याण और कृषि विकास विभाग ने सभी मैदानी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे वर्तमान स्थिति पर नजर रखें। इसके साथ ही किसानों के सम्पर्क में रहकर उन्हें समुचित सलाह भी दें।
मौसम के पूर्वानुमान के दृष्टिगत मैदानी अधिकारी किसानों को सलाह दें कि वे काटी जा रही फसल को खेतों में न छोड़कर शीघ्र सुरक्षित स्थानों तक पहुँचायें। इसी प्रकार खलिहान में रखी फसल को तत्काल गहाई करने या सुरक्षित विधि से ढाख कर रखें। गीली फसल को भली-भाँति सुखाने के बाद भण्डारण करने तथा बीज के रूप में भविष्य में उपयोग न किया जाये।
कृषि संचालक डॉ. डी.एन. शर्मा ने विभागीय अधिकारियों से अपने स्तर पर भी फसल क्षति का आकलन और नियमित रूप से संचालनालय को भी अवगत करवाने को कहा है। डॉ. शर्मा ने कहा है कि फसल कटाई प्रयोग अत्यंत सावधानी से करवायें, जिससे फसल बीमा का अधिकतम लाभ किसानों को मिल सके।
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