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Monday 24 March 2014

इंदौर एवं उज्जैन संभाग के पुलिस अधिकारीयो की एक दिवसीय कार्यषाला आयोजित

इंदौर एवं उज्जैन संभाग के पुलिस अधिकारीयो की एक दिवसीय कार्यषाला आयोजित

खंडवा (22 मार्च, 2014) - आज दिनांक 22.03.14 को खण्डवा नगर में जसवाड़ी रोड़ पर स्थित होटल केसर में अपराध अनुसंधान विभाग, मध्य प्रदेष पुलिस भोपाल एवं जिला पुलिस खण्डवा के संयुक्त तत्वाधान में किषोर न्याय अधिनियम 2000 एवं लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 के विषय में एक दिवसीय वर्कषाॅप का आयोजन किया गया। वर्कषाॅप का शुभारंभ श्री मनोज शर्मा, पुलिस अधीक्षक, खण्डवा द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस वर्कषाॅप में इंदौर संभाग एवं उज्जैन संभाग के 14 जिलो के 85 पुलिस अधिकारीयो  जिनमें उप पुलिस अधीक्षक,पुलिस निरीक्षक एवं उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी सम्मिलित थें, भाग लिया। इस वर्कषाॅप में किषोर न्याय अधिनियम के संदर्भ में प्रारंभिक उदबोधन श्री मनोज शर्मा पुलिस अधीक्षक खण्डवा द्वारा दिया गया। वर्कषाॅप के प्रथम सत्र में श्री विभांषु जोषी सदस्य राज्य बाल आयोग के द्वारा वर्कषाॅप के प्रतिभागियो को लैंगिग अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 के संदर्भ में बालको के विरूद्व घटित होने वाले अपराधो में युक्तियुक्त धाराएं अपराधीयो के विरूद्व लगाने तथा सही ढंग से अपराध का अनुसंधान करने और न्यायालय में अपराधीयो को सजा दिलाने हेतु अच्छा अभियोजन कार्यवाही कराने के संबंध में प्रतिभागियो को बताया गया।
                वर्कषाॅप के द्वितीय सत्र में श्री राजेन्द्र कुमार दषोरा, माननीय तृतीय अपर जिला सत्र न्यायाधीष द्वारा किषोर न्याय बोर्ड का गठन तथा बोर्ड की कार्यवाही एवं इन न्यायालयो में पेष किये जाने वाले मामलो तथा बोर्ड में बालको के विरूद्व सुनवायी की प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी जानकारी दी गई। माननीय न्यायाधीष ने अपने उदबोधन ने बताया कि, विधि विवादित बालको और उनकी देखरेख तथा उनका संरक्षण की आवष्यकता वाले बालको का विकास तभी संभव है, जब उनकी समुचित देखरेख, संरक्षण और उपचार के लिए बालको के सर्वोत्तम हित में तथा उनके मामलो का निर्णय और निपटारा एक षिषु मैत्रि दृष्टिकोण अपनाकर किया जाना चाहिए। माननीय न्यायाधीष ने वर्कषाॅप में प्रतिभागियो को अनेक व्यवहारिक उदाहरण देकर अत्यंत ही महत्वपूर्ण कानूनी जानकारी दिये।
              वर्कषाॅप के अंतिम सत्र में अपराध अनुसंधान विभाग के सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्री अरविंद कुमार दुबे द्वारा किषोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत किषोर का अर्थ, बाल कल्याण समिति, किषोर न्याय बोर्ड एवं विषेष किषोर पुलिस इकाई की कार्यप्रणाली तथा इनकी आवष्यकता एवं इनकी कार्यप्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण कानूनी जानकारी दिये। वर्कषाॅप का समापन श्री गोपाल खाण्डेल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला खण्डवा द्वारा वर्कषाॅप में सम्मिलित समस्त प्रतिभागियो का आभार प्रदर्षन करके किया गया।
क्रमांक: 124/2014/482/वर्मा

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