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Monday, 2 April 2018

स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाये प्रमुख सचिव ने वीडियो-कॉन्फ्रेंस से दिये निर्देश

स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाये
प्रमुख सचिव ने वीडियो-कॉन्फ्रेंस से दिये निर्देश

खण्डवा 1 अप्रेल 2018 -  प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि 2 अप्रैल से शुरू हो रहे शिक्षण सत्र में स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल को प्रत्येक शाला स्तर पर शाला प्रबंधन समिति की बैठक बुलाई जाये। इसके साथ ही मातृ सम्मेलन का आयोजन भी किया जाये। वीडियो-कॉन्फ्रेंस में आयुक्त लोक शिक्षण श्री नीरज दुबे मौजूद थे।
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये कि प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में अनिवार्य रूप से बाल-सभा का आयोजन किया जाये। बाल-सभाओं में वरिष्ठ ग्रामीणजनों को भी आमंत्रित किया जाये। वीडियो-कॉन्फ्रेंस में एम-शिक्षा मित्र एप के क्रियान्वयन के बारे में भी चर्चा की गई। इस अवसर पर 7 से 13 अप्रैल के बीच प्रदेशभर की शालाओं में पालक-सम्मेलन आयोजित करने के लिये कहा गया। जिला शिक्षा अधिकारी से कहा गया कि इन सम्मेलनों के माध्यम से शत-प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाये। इस मौके पर अप्रैल माह में कक्षा-10 के छात्रों के लिये होने वाले एप्टीट्यूड टेस्ट की तैयारियों की भी समीक्षा की गई। यह टेस्ट कॅरियर काउंसिलिंग कार्यक्रम के तहत होगा। वीडियो कान्फ्रेन्स में बताया गया कि 2 अप्रैल को ज्वायफुल लर्निंग पर केन्द्रित रेडियो कार्यक्रम प्रसारित किया जायेगा। प्रदेश में इस वर्ष कक्षा-1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिये शिक्षण सत्र की शुरूआत ज्वायफुल लर्निंग के रूप में की जा रही है। इसमें बच्चों को शालाओं में आनंदमय माहौल देने के प्रयास किये जायेंगे।
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्री लोकेश जाटव ने बताया कि शालाओं में ज्वायफुल लर्निंग की गतिविधियों को सम्पन्न करने के लिये प्रत्येक छात्र को लर्निंग-किट दी जायेगी। किट में स्केच पेन, खाली पेपर-शीट, रंगीन पेपर आदि होंगे। ज्ञातव्य है कि प्रदेश में 88 हजार 431 सरकारी प्रायमरी स्कूल और 54 हजार 775 मिडिल स्कूलों में करीब 75 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं।
वीडियो-कॉन्फ्रेंस में जिला शिक्षाधिकारियों को एम-शिक्षा मित्र एप की प्रतिदिन समीक्षा करने के लिये भी कहा गया। एम-शिक्षा मित्र एप एजुकेशन पोर्टल पर एनआईसी के सहयोग से गवर्नेंस प्लेटफार्म के रूप में विकसित किया गया है। वीडियो-कॉन्फ्रेंस में पाठ्य-पुस्तकों, गणवेश, निरूशुल्क साइकिल वितरण और छात्रवृत्ति की समीक्षा की गई। वीडियो-कॉन्फ्रेंस में जिला परियोजना समन्वयक सर्व-शिक्षा अभियान और उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य मौजूद थे।

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