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Monday, 12 October 2015

राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान अलंकरण समारोह आज

राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान अलंकरण समारोह आज
फिल्मकार सई परांजपे एवं अभिनेता दिलीप कुमार को  मिलेगा सम्मान

खण्डवा 12 अक्टूबर,2015 - मध्यप्रदेश शासन द्वारा सिनेमा की बहुआयामी विधाओं के लिए स्थापित राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान वर्ष 2013-14 में निर्देशन के लिए विख्यात फिल्मकार सुश्री सई परांजपे तथा 2014-15 में अभिनय के लिए शीर्षस्थ, सुप्रतिष्ठित अभिनेता श्री दिलीप कुमार को प्रदान किया जाएगा। यह कार्यक्रम 13 अक्टूबर को खण्डवा के पुलिस परेड ग्राउण्ड में आयोजित होगा। कार्यक्रम में जानीमानी पार्ष्व गायिका सुश्री साधना सरगम, किषोर कुमार के सुपुत्र एवं गायक श्री सुमित कुमार तथा श्री रवि त्रिपाठी द्वारा गीत संगीतमयी प्रस्तुति दी जाएगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान और विषिष्ट अतिथि के रूप में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री कुॅंवर विजय शाह रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेष शासन के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा करेंगे। कार्यक्रम में विषेष अतिथि के रूप में खण्डवा महापौर श्री सुभाष कोठारी, खण्डवा विधायक श्री देवेन्द्र वर्मा, मांधाता विधायक श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर, पंधाना विधायक श्रीमती योगिता बोरकर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती हसीना बाई उपस्थित रहेगी।
उल्लेखनीय है कि सुश्री सई परांजपे की प्रतिष्ठा एक उत्कृष्ट, कल्पनाशील और गहन दृष्टिसम्पन्न फिल्मकार निर्देशक के रूप में है जिनका सृजनात्मक सरोकार राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में एक रंगकर्मी से आरम्भ होकर टेलीविजन धारावाहिकों और सिनेमा तक सक्रिय बना रहा है। उनकी फिल्में जादू का शंख, स्पर्श, चश्मे बद्दूर, कथा, दिशा, पपीहा, साज, भागो भूत, चकाचक, सुई, अंगूठा छाप, चूडि़याँ भारतीय जनमानस में अलग-अलग कालखण्ड में अनेक मर्मस्पर्शी स्मृतियों के साथ अंकित हैं। इसी प्रकार श्री दिलीप कुमार की ख्याति न केवल देश बल्कि दुनिया के दर्शक समाज में एक अत्यन्त आदरणीय एवं महान कलाकार के रूप में सर्वख्यात है। वे सिनेमा के प्रत्येक कलाकार के अविभावक, प्रेरणास्रोत और एक तरह से अभिनय-अभिव्यक्ति के उच्चकोटि के शिखर पर प्रतिष्ठापित वो आदर्श हैं जिनकी ऊष्मा निरन्तर हमारी फिल्मों में महसूस की जाती है। वे सिनेमा में छः दशक से भी ज्यादा वर्षों से सक्रिय रहे हैं एवं उनका सिनेमा, फिल्म इतिहास में मील का पत्थर और कीर्तिमान रचने वाला रहा है। 1944 में ज्वारभाटा से अभिनय के संसार में प्रवेश करने वाले श्री दिलीप कुमार की अनेकानेक श्रेष्ठ फिल्मों में से कुछ फिल्में सहज उल्लेखनीय हैं, जिनमें जुगनू, शहीद, मेला, अन्दाज, दीदार, दाग, अमर, देवदास, आजाद, नया दौर, मुसाफिर, यहूदी, मधुमति, कोहिनूर, मुगले आजम, गंगा जमना, संघर्ष, राम और श्याम, आदमी, गोपी, बैराग, क्रान्ति, विधाता, शक्ति, मजदूर, मशाल, कर्मा, सौदागर आदि प्रमुख हैं। 

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