जनभागीदारी से आंगनवाड़ी केन्द्रों में सुविधाएं बढ़ाई जायेंगी
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने योजनाओं की समीक्षा की
खण्डवा 3 फरवरी, 2016 - प्रदेष की महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री श्रीमती माया सिंह ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में खण्डवा, खरगोन, बुरहानपुर एवं बड़वानी जिलों में बाल विकास तथा महिला सषक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि खण्डवा जिले में योजनाओं का क्रियान्वयन अच्छा पाया गया है, इसे बहुत अच्छा किये जाने की आवष्यकता है। बैठक में प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग श्री जे.एन. कंसोटिया, आयुक्त एकीकृत बाल विकास परियोजना श्रीमती पुष्पलता सिंह, कलेक्टर डॉ. एम.के.अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक डॉ. महेन्द्र सिंह सिकरवार, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास इंदौर सुश्री संध्या व्यास, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री राजेष गुप्ता, जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी श्रीमती रीता नाथ सहित अन्य तीन जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी तथा परियोजना अधिकारी बाल विकास, भी मौजूद थे। इस अवसर पर मंत्री श्रीमती सिंह ने मां का दूध गीत के कोरकू भाषा में रूपांतरण संबंधी ऑडियो सीडी का विमोचन भी किया।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती सिंह ने बैठक में निर्देष दिये कि सभी सुपरवाईजर हर माह में अपने क्षेत्र के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करें। उन्हांेने सीडीपीओ को भी हर माह 50 आंगनवाड़ी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण के निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेष को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिये प्रदेष सरकार प्रयासरत है, आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से छोटे बच्चों व गर्भवति महिलाओं को पोषण आहर उपलब्ध कराकर उनके पोषण स्तर को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती सिंह ने कहा कि सभी अधिकारी विभागीय गतिविधियों का व्यापक प्रचार - प्रसार करें तथा विभागीय कार्य पूरी ईमानदारी एवं पारदर्षिता के साथ करे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती सिंह ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों को जनभागीदारी से और अधिक साधन सम्पन्न बनाया जाये। उन्होंनो जिला अधिकारियों व सीडीपीओ से कहा कि वे अपने क्षेत्र के विधायक एवं सांसद से आंगनवाड़ी केन्द्रों में सुविधा उपलब्ध कराने के लिये विधायक निधि एवं सांसद निधि से राषि स्वीकृत कराये। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती सिंह ने बैठक में निर्देष दिये की आंगनवाड़ी केन्द्र समय पर खोले जाये, उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्रों में साफ सफाई रखने के लिये भी अधिकारियों को निर्देष दिये। श्रीमती सिंह ने आंगनवाड़ी केन्द्रों में निर्धारित मीनू के अनुसार पोषण आहार उपलब्ध कराने के निर्देष भी दिये।
प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास श्री कंसोटिया ने बैठक में कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के रिक्त पदों को शीघ्रता से भरा जाये। उन्होंने इस नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्षिता बरतने की हिदायत अधिकारियों को दी। उन्होंने कहा कि शहडोल एवं राजगढ़ जिलों में जनभागीदारी से कुछ नवाचार किये गये है जो अन्य जिलों में भी किये जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि शहडोल जिले में विधायक निधि से कुछ आंगनवाड़ी केन्द्रों में पैरदान युक्त सिलाई मषीन उपलब्ध कराई गई है। इन सिलाई मषीन से आंगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाली महिलाएं कपड़े सिलकर अपनी रोजी रोटी कमा सकती है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे आंगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों में साफ सफाई की आदते विकसित करने पर जोर दे, बच्चों को खाना खाने से पहले हाथ धोने के लिये प्रेरित किया जाये। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में हाथ धोने के लिये वाष बेसिन लगवाये जाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि उड़ीसा राज्य में आंगनवाड़ी केन्द्रों में महिलाओं को न केवल पोषण आहर दिया जाता है साथ ही आंगनवाड़ी केन्द्रों मंे महिला संगीत, लोक संगीत जैसी गतिविधियां भी होती है। श्री कंसोटिया ने बैठक में कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रांे में गोद भराई के समय गर्भवति महिलाओं को समझाया जाये कि जन्म के तत्काल बाद बच्चे को मां का पीला गाढ़ा दूध अवष्य पिलाये, क्योंकि यह दूध न केवल पोष्टिक होता है साथ ही बच्चे को बीमारियों से भी बचाता है।
आयुक्त बाल विकास परियोजना श्रीमती सिंह ने बैठक में निर्देष दिये कि ऑपरेषन स्माइल के तहत भीख मांगने वाले एवं पन्नी बीनने वाले बच्चों की कांउसलिंग कराकर एवं उनके परिवारजनों को समझाइष देकर उन्हें स्कूल भेजने के लिये प्रेरित किया जाये। भीख मांगने वाले व पन्नी बीनने वाले बच्चें यदि लावारिस व अनाथ हो तो उन्हें आश्रय गृहों में रखा जाये तथा उनके पढ़ने लिखने की व्यवस्था की जाये। उन्होंने गर्भवति महिलाओं एवं बच्चों का टीकाकरण का प्रतिषत बढ़ाने पर भी जोर दिया। कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने बैठक में बताया कि पिछले माह ऑपरेषन स्माइल के तहत इस तरह के 41 बच्चें चिन्हित कर उनकी बेहतरी के प्रयास किये गये है। बैठक में बताया गया कि जिले में वर्ष 2007 से अबतक कुल 40 हजार बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत लाभान्वित किया गया है। बैठक में सुपोषण अभियान, उदिता अभियान, लाड़ली लक्ष्मी योजना, शौर्या दल, स्नेह सरोकार अभियान, ऑपरेषन स्माइल तथा लाड़ों अभियान की प्रगति की समीक्षा भी की गई।
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