Thursday, 9 July 2020

सोयाबीन उत्पादक किसान भाईयों के लिए उपयोगी सलाह

सोयाबीन उत्पादक किसान भाईयों के लिए उपयोगी सलाह

खण्डवा 9 जुलाई, 2020 - कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे घर से बाहर निकलते समय कोरोना वायरस से सुरक्षा हेतु अपने चेहरे पर मास्क, गमछा, रूमाल, कपड़ा लगाए तथा हाथों में मौजे, ग्लब्स लगाकर कार्य करने जैसी सावधानी रखें। किसान भाई समय समय पर 20 सेंकड तक अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धोयें। उप संचालक कृषि श्री गुप्ता ने किसानों को सलाह दी है कि अधिक वर्षा की स्थिति में खेत से अतिरिक्त जल की निकासी की व्यवस्था करें। साथ ही अधिक समय तक सूखे की स्थिति में फसल को बचाने के लिए सुविधानुसार सिंचाई का प्रबंध करें।

खेतों में खरपतवार नष्ट करने के लिए करें ये उपाय

उप संचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता ने सोयाबीन किसान भाई को सलाह दी है कि सोयाबीन की फसल को 60 दिनों तक खरपतवार मुक्त रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अतः कृषकगण अपनी सुविधानुसार सोयाबीन में खरपतवार प्रबंधन के लिये अनुशंसित विधियों डोरा, कुल्पा, हाथ की निंदाई, खरपतवारनाशक का प्रयोग करें। सोयाबीन की फसल पर कीटनाशक एवं खरपतवारनाशकों को मिलाकर फसल में छिड़काव किया जाये, जिससे कि खरपतवार नियंत्रण के साथ साथ कीट नियंत्रण भी किया जा सकता है। इसके लिए क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. 150 मि.ली. प्रति हेक्टयेर या इन्डोक्साकार्ब 15.8 ई.सी. 133 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या क्विनॉलफॉस 25 ई.सी. 1500 मि.ली. प्रति हेक्टेयर के साथ अनुशंसित खरपतवारनाशक जैसे इमाझेथापायर 10 एस.एस. 1 लीटर प्रति हेक्टेयर या क्विझालोफॉप इथाईल 5 ई.सी. 1 लीटर प्रति हेक्टेयर के लिए संयोजन करें।

खेतों में इल्लियों व कीटों से बचाव के लिए डाले ये दवा

उप संचालक कृषि श्री गुप्ता ने बताया है कि पत्ती खाने वाली इल्लियों से सुरक्षा के लिए फूल आने से पहले क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. 150 मि.ली. प्रति हेक्टेयर से फसल पर छिड़काव करें, इससे अगले 25 से 30 दिनों तक इन कीटों से सुरक्षा मिलती है। सोयाबीन का जैविक उत्पादन करने वाले किसानों को सलाह है कि चने की इल्ली तथा तम्बाकू की इल्ली के जैविक नियंत्रण हेतु जैविक कीटनाशक एच.ए.एन.पी.वी. अथवा एस.एल.एन.पी.वी. दोनों प्रत्येक 250 एल.ई. प्रति हेक्टेयर की दर से प्रकोप प्रारंभ होने की स्थिति में छिड़काव करें। इसी प्रकार इन पर्णभक्षी कीटों के नियंत्रण के लिए कीटनाशक फ्लुबेन्डियामाईड 20 डब्ल्यू.जी. 250-300 ग्राम प्रति हेक्टेयर या फ्लुबेन्डियामाईड 39.35 एस.सी. 150 मि.ली. प्रति हेक्टयेर या इन्डोक्साकार्ब 15.8 333 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या पूर्व मिश्रित बीटासायफ्लुथ्रिन एवं इमिडाक्लोप्रीड 350 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या पूर्व मिश्रित थायोमिथक्सम एवं लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 125 मि.ली. प्रति हेक्टेयर में से किसी एक कीटनाशक का छिड़काव करें। सोयाबीन की फसल में फफूंदजनित रूट रॉट नामक बीमारियांे पर नियंत्रण के लिए किसानों को सलाह दी गई है कि वे टेबूकोनाझोल 625 मि.ली. प्रति हेक्टेयर अथवा टेबूकोनाझोल एवं सल्फर 1 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर अथवा पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20 डब्ल्यू.जी. 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर अथवा हेक्जाकोनाझोल 5 प्रतिशत ई.सी. 800 मि.ली. प्रति हेक्टेयर से छिड़काव करें।

खेतों में कीट नियंत्रण के लिए कब कौन सी दवाई डालें किसान

उप संचालक कृषि श्री गुप्ता ने किसानों को सलाह दी है कि बोवनी के 10 से 12 दिन बाद क्लोनीम्यूरान एथाइल 25 डब्ल्यू.पी. 36 ग्राम प्रति हेक्टेयर एवं बेन्टाझोन 48 एस.एल. 2 लीटर प्रति हेक्टेयर का मिश्रण कर छिड़काव करें। इसके अलावा बोवनी के 15 से 20 दिन बाद इमेझैथापायर 10 एस.एल. 1 लीटर प्रति हेक्टेयर, क्विजालोफप एथाईल 5 ई.सी. 1 लीटर प्रति हेक्टेयर, क्विजालोफप पी एथाईल 10 ई.सी. 375-450 मि.ली. प्रति हेक्टेयर, फेनाक्सीफाप पी एथाईल 9 ई.सी. 1 लीटर प्रति हेक्टेयर, क्विजालोफाप पी टेफूरिल 4.41 ई.सी. 1 लीटर प्रति हेक्टेयर, फ्लूआजीफॉप पी ब्युटाईल 13.4 ई.सी. 1 से 2 लीटर प्रति हेक्टेयर, हेलाक्सिफॉप आर मिथाईल 10.5 ई.सी. 1 से 1.25 लीटर प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें। इसके अलावा इमेझेथपायर 70 प्रतिशत डब्ल्यू.जी. एवं सर्फेक्टेन्ट 100 ग्राम प्रति हेक्टेयर, प्रोपाक्विजाफॉप 10 ई.सी. 0.5 से 0.75 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर, फ्लूथियासेट मिथाईल 10.3 ई.सी. 125 मि.ली. प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें। 

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