उल्टी दस्त, खसरा, मलेरिया,पीलिया जैसे रोगों से बचाव हेतु रखें सावधानी
खण्डवा 8 जुलाई, 2020 - वर्षा ऋतु में प्रदूषित पेयजल से हैजा, उल्टी-दस्त, पैचिस, खसरा, पीलिया जैसी बीमारीयां होती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डी.एस. चौहान ने बताया कि वर्षा के मौसम में नदी, तालाब जैसे जल स्त्रोतों के आसपास ग्रामीणों के मल त्याग करने से मानव मल में मौजूद रोगाणु पानी में मिल जाते है साथ ही नदी तालाबों में पशुओं को नहलाने से भी अनेक रोगाणु पानी में फैल सकते है। जब यही पानी पीने के लिए या भोजन बनाने में प्रयोग में लाते है तो ये रोगाणु शरीर में प्रवेश कर के लोगों को कई प्रकार की बीमारियों से पीडि़त करते है। इन्हीं रोगाणुओं से मुख्य रूप से दस्त, हैजा, टाईफाईड, पीलिया, खूनी पैचिस, तथा आंव दस्त जैसी कई बीमारियां होती है।
वर्षा ऋतु में जलजनित रोगों से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां रखना जरूरी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. चौहान ने बताया कि हमें हमेशा शुद्ध जल स्त्रोत का प्रयोग करना चाहिए। पानी को हमेशा दोहरे कपड़े से छानकर इस्तेमाल करने से कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है। कुंओं के पानी में नियमित ब्लीचिंग पाउडर डाला जाना चाहिए। डॉ. चौहान ने बताया कि पीने के पानी का रखरखाव इस प्रकार से हो कि पीने के पानी को हमेशा साफ बर्तन में ही रखा जावें, प्रतिदिन पानी के बर्तन को साफ करें ताकि उसमें काई न जमने पाए। पीने के पानी को हमेशा ढककर रखें। बर्तन में से पीने का पानी निकालने के लिए लम्बे हेण्डिल वाले बर्तन का प्रयोग करें। पीने के पानी में हाथ नहीं डालना चाहिए। उन्होंने बताया कि एक घड़े या मटकें में एक क्लोरिन गोली पीसकर डालना चाहिए। आधे घण्टे तक इसे ढककर रखने के बाद ही पानी पीने के लिए उपयोग करना चाहिए, यह गोलियॉ प्रत्येक स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं ग्राम की आषा कार्यकर्ता के पास निःशुल्क उपलब्ध है।
दूषित पानी से होने वाली बीमारियों में दस्त रोग प्रमुख है, उल्टी-दस्त होने पर ओ.आर.एस. पैकेट एक लीटर स्वच्छ व शुद्ध पानी में घोलकर रोगी को पिलाना शुरू कर देना चाहिए। दस्त लगने के 24 घण्टे के अन्दर यह घोल अधिक से अधिक मात्रा में पिलाना चाहिए व 24 घण्टे के बाद बचा हुआ घोल फैक कर अगले दिन दूसरे पेकेट का घोल बनाना चाहिए। मॉं का दूध पीने वाले शिशु को दूध पिलाना बंद नहीं करना चाहिए। दस्त के साथ उल्टियां शुरू होने पर शीघ्र ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता या चिकित्सक को बताकर उपचार लेना चाहिए। ओ.आर.एस. पैकेट सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आंगनवाडी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ताओं के पास निःशुल्क उपलब्ध रहते है। डॉ. चौहान ने अपील की है कि बाजार में बिकने वाले सडे़ गले खाद्य सामग्री, फल आदि न खरीदे, ढके हुए व अच्छी खाद्य सामग्री, फल ही खरीद कर सेवन करें।
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