जल चेतना अभियान की बैठक में कलेक्टर श्रीमती नायक द्वारा जल दूतों को दिया गया गांवों में जल संग्रण एवं पौधरोपण के लिये अभियान चलाने का संदेश
पीआरए गतिविधी द्वारा जल दूतों को समझाया गया कैसे करे ग्रामीणों की सहभागी सुनिश्चित
खण्डवा 07 मई 2017 - वर्तमान में यदि सबसे बड़ा कोई संकट है तो वह है जल का संकट और इसका स्थायी समाधान जल के संरक्षण और पौधरोपण के बिना संभव नही है। यह बात कलेक्टर श्रीमती स्वाति मीणा नायक द्वारा 7 मई रविवार को जिला पंचायत सभाग्रह में आयोजित जल चेतना अभियान की बैठक में कही गयी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को समझाया जाये कि अब समय आ गया है जब धरती से जल लेने की जगह उसे जल दिया जाये और धरती को जल देनेे के दो ही साधन है एक तो जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण और दूसरा सघन पौधरोपण करना। ज्ञात हो कि जिला पंचायत में जल चेतना अभियान से जुडे हुये उन लोगों की बैठक आयोजित की गई थी जो ग्रामीण क्षेत्र में जाकर ग्रामीण सहभागी मूल्यांकन (पीआरए) गतिविधियों के द्वारा लोगों को जल संग्रहण के उपाय बतायेगें एवं उन्हें पौधे लगाने एवं उनकी रक्षा करने के लिये प्रेरित करेंगे। इस कार्य के लिये मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम, को-ऑपरेटिव सोसायटी के सदस्यों एवं नार्बड के जलदूतो को चिन्हित किया गया है।
बैठक में कलेक्टर श्रीमती नायक द्वारा कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों से संवाद स्थापित किया जाये एवं गांव के बुर्जुग जिन्होने पिछले 25 साल में हुये बदलाव को देखा है उनके अनुभव से सभी को अवगत कराया जाये। बुर्जुगों के माध्यम से ग्रामीणों को बताया जाये कि पहले उनके गांव में कितनी जल संरचनाये थी जो सूख गयी है, गांव के आस-पास के वन क्षेत्र कैसे थे तब गर्मियों में पेयजल का संकट होता था या नही पशुओं के पीने एवं निस्तार के पानी की व्यवस्थायें आज की तुलना में कितनी सुगम थी एवं उनके अनुभवो के आधार पर नई पीढ़ी में जल चेतना जगाकर गांव में जल एवं जंगल के विकास के लिये कार्य प्रारंभ किये जाये।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खण्डवा डॉ. वरदमूर्ति मिश्र द्वारा प्रजेंटेशन के माध्यम से सभी को विभिन्न जल संग्रहण संरचनाओ ंजैसे स्टाप डेम, बोल्डर चेक डेम, कंटूर ट्रेंच, ग्रेवियर चेक डेम, खेत तालाब, मेढ बंधान, परकोलेशन टेंक आदि संरचनाओं को दिखाया गया एवं उन्हे किन स्थानो पर बनवाया जा सकता है एवं वह जल संग्रहण के लिये किस प्रकार उपयोगी है यह भी बताया गया। सीईओ जिला पंचायत डॉ मिश्र द्वारा विभिन्न विभागों के द्वारा जिलें मे किये जाने वाले पौधरोपण एवं पौधों की रक्षा के लिये रखे जाने वाले पौध रक्षकों के संबंध में शासन से प्राप्त निर्देशों की जानकारी भी सभी को दी गयी।
बैठक के उपरांत बाटरशेड योजना के परियोजा अधिकारी एवं ब्लाक समन्वयकों द्वारा ग्राम पंचायत में की जाने वाली ग्रामीण सहभागी मूल्यांकन गतिविधियों को नक्शा बनाकर सभी प्रतिभागितयो को समझाईस दी गयी एवं बताया गया कि गांव में किस प्राकर नक्शे के माध्यम से ग्रामीणों को गहराते जल संकट एवं उसके लिये किये जाने वाले उपायों की जानकारी दी जाये। बैठक में नाबार्ड के उपमहाप्रबंधक श्री पाटिल, परियोजा अधिकारी मनरेगा श्री प्रमोद त्रिपाठी, श्री राजेन्द्र कोसरिया, श्री सचिन सिम्पी आदि उपस्थित रहे।
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