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Saturday, 7 February 2015

जिला चिकित्सालय पहॅुंचकर कलेक्टर श्री अग्रवाल ने स्वाईन फ्लू वार्ड का किया निरीक्षण

जिला चिकित्सालय पहॅुंचकर कलेक्टर श्री अग्रवाल ने स्वाईन फ्लू वार्ड का किया निरीक्षणसीएमएचओ और सिविल सर्जन को वचाव के व्यापक इंतजाम करने के दिए निर्देषस्वाईन फ्लू के प्रति जागरूकता लाने के भी दिए आदेष



खण्डवा (07फरवरी,2015) -  कलेक्टर श्री महेष अग्रवाल शनिवार को जिला चिकित्सालय पहॅुचें। जहॉं पर उन्होंने सबसे पहले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन से स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए की गई तैयारियों की गहनता से समीक्षा की। जिसमें कलेक्टर श्री अग्रवाल ने स्वास्थ्य विभाग के दोनों ही अधिकारियों को निर्देष देते हुए कहा कि  स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए सभी प्रकार की आवश्यक तैयारी रखें। साथ ही पर्याप्त दवाओं के अलावा आईसोलेशन वार्ड पर अटेंडर उपस्थित रहे यह सुनिष्चित करने के निर्देष भी उन्होंने दिए। इसके अलावा उन्होंने आदेष देते हुए कहा कि स्वाईन फ्लू से पीडि़त मरीज का पता लगने पर प्राथमिकता से उसका उपचार करें। इस दौरान डॉक्टर्स एवं अटेंर्डस उपचार के दौरान  मास्क अवष्य लगाये।
इसके साथ ही कलेक्टर श्री महेष अग्रवाल ने स्वाईन फ्लू से बचाव की तैयारियों के बचाव के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि वर्तमान में देश-प्रदेश के साथ ही कई जिलों में एच-1 एन-1 (स्वाईन फ्लू) पाजीटिव रिपोर्ट हो रहे हैं, जिससे आम जनता में भय का वातावरण निर्मित हो रहा है। आमजन को यह बताने की जरूरत है कि साधारण सर्दी-जुकाम स्वाईन फ्लू नहीं है। इस हेतु समस्त जिला चिकित्सालयों में उपस्थित चिकित्सकों द्वारा सतत् काउंसलिंग की जाये कि स्वाईन फ्लू और साधारण सर्दी-जुकाम में क्या अन्तर है। इसके प्रति जागरूकता लाने का प्रयास भी करें।
  वहीं श्री अग्रवाल ने जिला चिकित्सालय एक अलग सर्दी-जुकाम स्क्रीनिंग काउंटर की स्थापना करने के निर्देष दिए। उन्होंने आदेष देते हुए कहा कि उस काउंटर में आने वाले समस्त सर्दी-जुकाम के मरीजों की स्क्रीनिंग की जाये एवं उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर उनमें से लोगों को लक्षण आधारित वर्गीकरण कर इलाज उपलब्ध कराया जाये।
इसके बाद कलेक्टर श्री अग्रवाल ने जिला चिकित्सालय मंे स्थापित स्वाईन फ्लू वार्ड का निरीक्षण भी किया। जहॉं पर स्वाईन फ्लू रोग से सस्पेक्टेड दो मरीजों का उपचार हो रहा है। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने इस पर सीएमएचओ और सिविल सर्जन को सस्पेक्टेड रोगियों की जॉंच के लिए सेंपल भेजने के लिए पृथक से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देष दिए। ताकि उनकी रिपोर्ट प्राप्त होने पर उनका उपचार और शीघ्रता से सही दिषा में हो सकें।
एक नजर स्वाईन फ्लू पर
स्वाईन फ्लू के सामान्य लक्षण - स्वाईन फ्लू के लक्षण भी सामान्य एन्फ्लूएंजा के लक्षणों की तरह ही होते है। बुखार, तेज ठंड लगना, गला खराब हो जाना, माँसपेषियों में दर्द होना, तेज सिर दर्द होना, खॉंसी आना, कमजोरी महसूस करना आदि लक्षण इस बीमारी के दौरान उभरते है।
स्वाईन फ्लू कैसे फैलता है - खॉंसने, छीकने, मरीज के सम्पर्क में आने एवं उसके द्वारा उपयोग किये हुए सामान जैसे तौलिया, ताकिया, मोबाईल आदि का उपयोग करने आदि।
क्या न करें -
बच्चों को यदि जुखाम, खॉंसी है तो उसे स्कूल न भेजें।
किसी से हाथ न मिलाये, गले नहीं मिलें।
सार्वजनिक स्थानों, भीड़ भरे स्थानों पर थूके नहीं।
जिन लोगों का श्वसन तंत्र की बीमारी हो उनके पास न जाए।
अपनी ऑंख, नाक-मुॅंह को हाथ न लगाएॅं, इससे वायरस फैलते है।
क्या करें -
खॉंसी, छींक आने पर मुॅंह व नाक को रूमाल, टिषू पेपर से ढक लें।
छींकने, खांसने और कहीं बाहर से आने के बाद हाथ सुबन से धोएं।
सर्दी के मरीज साफ सुथरा रूमाल रखे और रोज बदले।
घर में व आसपास स्वच्छता रखे।
प्रदूषित, भीड़ भरे और गंदे क्षेत्रों में न जाए।
स्मोकिंग करने वालों से दूर रहे।
मरीज को मास्क लगाये और खुद भी उपयोग करें।
इन लोगों को अधिक सावधानियॉं रखनी चाहिए - गर्भवती महिला, छोटे बच्चे, बुजुर्ग, लम्बी समय से चली आ रही बीमारियों जैसे मधुमेह, हृदय रोग, फेफड़े बी बीमारियों आदि के मरीजों को अपना अधिक ध्यान रखना चाहिए।
क्रमांक/31/2015/186/वर्मा

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