Wednesday, 9 July 2014

बीज नमूने अमानक पाए जाने पर एक और प्रतिष्ठान का तत्काल बीज लायसेंस निलंबित

बीज नमूने अमानक पाए जाने पर एक और प्रतिष्ठान का तत्काल बीज लायसेंस निलंबित
अनुज्ञापन अधिकारी ने जारी किए आदेश
साथ ही विक्रम सिंगल सुपर फास्फेट को सम्पूर्ण खण्डवा जिले में किया प्रतिबंधित
दो उत्पादक कम्पनी के बीजों को भी किया प्रतिबंधित 

खण्डवा (09 जुलाई, 2014) -  बीज नियंत्रण आदेश 1983 खण्ड 13 (सी) के तहत बीज निरीक्षक विकासखण्ड छैगॉंवमाखन द्वारा क्षेत्र के एक प्रतिष्ठान से लिए गए बीज के नमूनों को बीज परीक्षण अधिकारी ग्वालियर से प्राप्त विशलेषण रिपोर्ट प्राप्त होने पर बीज नमूना अमानक स्तर का पाए जाने पर अनुज्ञापन अधिकारी द्वारा इस प्रतिष्ठान के बीज लायसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए गए है। 
जिसकी अधिक जानकारी देते हुए अनुज्ञापन अधिकारी एवं उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ओ.पी. चोरे द्वारा बताया गया कि बीज परीक्षण अधिकारी ग्वालियर से प्राप्त विशलेषण रिपोर्ट क्रमांक 578 दिनांक 20 जून 2014 के आधार पर बीज नमूने अमानक पाए जाने पर सर्वप्रथम कार्यालय द्वारा एक प्रतिष्ठान को 30 जून 2014 को उक्त लाट का बीज स्कंध विक्रय प्रतिबंध कर बीज विक्रेता एवं बीज कंपनी को कारण बताओं सूचना पत्र जारी कर सुनवाई का अवसर दिया गया।
 जिस पर बीज विक्रेता एवं कंपनी के द्वारा अपने क्षेत्र के बीज निरीक्षण के माध्यम से प्रस्तुत जवाब संतोषजनक एवं विधि संगत नही होने एवं बीज अधिनियम की धारा 6(ए) एवं 7(बी) का उल्लंघन होने से बीज नियंत्रण आदेश 1983 खण्ड 15(बी) में विहित प्रावधान के तहत बीज विक्रेता एवं उत्पादक कम्पनी मेर्सस सारस एग्रो इण्डट्रीज दोंदवाड़ा द्वारा धारित बीज लायसेंस क्रमांक 915 को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
उर्वरक विक्रम सिंगल सूपर फास्फेट सम्पूर्ण जिले में प्रतिबंधित  - इसके साथ ही उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत खण्डवा जिले के विभिन्न संस्थानों से लिए गए उर्वरक नमूनों को विशलेषण हेतु प्रयोगशाला भेजे जाने पर विशलेषण के बाद उर्वरक विक्रम सिंगल सुपर फास्फेट के नमूने अमानक स्तर के पाए जाने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के खण्ड 26़ में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए अधिसूचित प्राधिकारी एवं उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ओ.पी. चौरे ने मध्यप्रदेश निम्नांकित धारा 19(ए) के तहत अमानक घोषित उर्वरक के क्रय विक्रय एवं भण्डारण को तत्काल प्रभाव से सम्पूर्ण खण्डवा जिले के लिए प्रतिबंधित घोषित कर दिया है।
सोयाबीन के दो बीजों का विक्रय किया प्रतिबंध - इसी प्रकार बीज नियंत्रण आदेश 1983 में दिए गए प्रावधान के अनुसार बीज निरीक्षक हरसूद द्वारा सोयाबीन के बीजों के नमूने विशलेषण में भेजे जाने के बाद बीज परीक्षण प्रयोगशाला ग्वालियर से प्राप्त विशलेषण में बीज नमूने अमानक स्तर पर पाए जाने पर वर्धमान ट्रेडर्स मेन रोड़ छनेरा के प्रतिष्ठान से प्राप्त ग्रीन गोल्ड सीड्स प्रायवेट लिमिटेड 417 ए सिटी सेंटर 4 प्लोर इंदौर के सोयाबीन के बीज जे.एस. 9305 और जे.एस. 9560 और मंत्री मशीनरी स्टोर्स छनैरा में बीज उत्पादक कम्पनी हरियाली एग्रो सीड्स एण्ड फार्म प्रायवेट लिमिटेड खातेगॉंव के जे.एस. 9560 सी-।। के सोयाबीन बीज को अधिनियम 1966 की धारा 6 (ए) एवं 7 (बी) का उल्लंघन होने से बीज नियंत्रण आदेश 1983 के खण्ड 11 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अनुज्ञापन अधिकारी एवं उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ओ.पी. चौरे ने लॉट क्रमांक ।च्त्13-12.2002-52019 व ।च्त्.13-12-2002-51909 और अक्टंूबर 13-12-946-51872 के बीजों को जिला खण्डवा में क्रय विक्रय , परिवहन, एवं भण्डारण को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है। 
क्रमांक/43/2014/1070/वर्मा

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