पारिवारिक व सामाजिक विवादों को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने के लिए सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं - प्रधान जिला न्यायाधीश श्री बौरासी
खण्डवा 1 अगस्त, 2021 - जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, खण्डवा के प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष श्री एल.डी. बौरासी द्वारा 1 अगस्त को शिवपुरम जसवाड़ी रोड, खण्डवा में राजपूत (क्षत्रीय) समाज सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र्र (मीडिएशन सेन्टर) खण्डवा का शुभांरभ किया गया। इस कार्यक्रम में श्यामा बौरासी, विशेष न्यायाधीश श्री पी.सी.आर्य, चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमति किरण सिहं, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, खण्डवा के अपर जिला सत्र न्यायाधीश/सचिव श्री हरिओम अतलसिया व श्रीमति मीरा अतलसिया, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री राकेश पाटीदार, जिला रजिस्ट्रार श्री विपेन्द्र सिहं यादव, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेश मण्डलोई, क्षत्रीय राजपूत समाज मध्यस्थता केन्द्र के प्रशिक्षित मध्यस्थ श्रीमति अनीता सिहं व श्रीमति राखी तोमर एवं राजपूत समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, खण्डवा के प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष श्री एल.डी. बौरासी द्वारा कहा गया कि वर्तमान समय में सामाजिक व पारिवारिक गृहस्थी/वातावरण में संबंधों की डोर बहुत नाजुक होती जा रही हैं इसे संभालने के लिए बड़े जतन करने पड़ते है इसके बावजूद कुछ घर परिवारों में पारिवारिक एवं सामजिक जिंदगी व संबंधों में कई प्रकार की परेशानी आ जाती है ऐसी अनेक प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिए सबसे सरल और अचूक उपाय मध्यस्थता योजना भी बनती जा रही। इस के तहत न केवल धन और समय की बचत होती है बल्कि आपसी संबंधों में भी कटुता भी नही आती तथा कोई भी विवाद जब घर से बाहर निकलता है तो कई लोगों द्वारा उक्त संबंध में विपरीत प्रतिक्रिया प्रदान की जाती है जिससे कि पारिवारिक छवि व मान प्रतिष्ठ भी धूमिल होती है। इस अवसर पर उनके द्वारा मध्यस्थता के तहत किस प्रकार कई वर्ष पुराने न्यायालय में लंबित एक पारिवारिक मामले का निराकरण करने के संबंध में भी बताया गया ।
इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश श्री पी.सी.आर्य द्वारा बताया गया कि सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र के माध्यम से समाज में फैली भूण्र हत्या, दहेज प्रथा, आदि अनेक प्रकार की कुरितियों को दूर किया जा सकता है। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, खण्डवा के सचिव श्री हरिओम अतलसिया द्वारा कहा गया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, खण्डवा द्वारा खण्डवा जिले में मीणा समाज, क्षत्रिय समाज, कतिया समाज, आदि समाज लोगों के मध्य उत्पन्न होने वाले कई प्रकार के पारिवारिक व सामाजिक विवाद को न्यायालय में जाने से पूर्व ही सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र के माध्यम से निराकरण हेतु उक्त समाज के इच्छुक लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है इसी के तहत क्षत्रीय राजपूत समाज सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र(मीडिएशन सेन्टर) हेतु खण्डवा जिले से श्रीमति अनीता सिहं व श्रीमति राखी तोमर को प्रशिक्षण दिया गया है साथ ही उनके द्वारा बताया कि विवादों का निपटारा न्यायालय में जाने से पूर्व ही सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र के माध्यम से हो जाने से व्यक्ति के धन, समय की बचत के साथ ही उसकी मान प्रतिष्ठा भी प्रभावित नही होती है तथा इससे न्यायालय में पड़ने वाले प्रकरणों का भार भी कम होता है।
इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेश मण्डलोई, द्वारा भी बताया गया कि वर्तमान समय में पारिवारिक व सामाजिक जीवन में कई प्रकार के विवाद छोटी छोटी बातों को लेकर होने लगे है जिसका समाधान उक्त सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र के माध्यम से प्रशिक्षित मीडिटर द्वारा किया जाना संभव है। इस अवसर पर प्रशिक्षत मीडिएटर्स श्रीमति अनीता सिहं, श्रीमति राखी तोमर, द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गये। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित मंचासीन गणमान्य को स्मृति चिन्ह भी भेट किये गये।
No comments:
Post a Comment