कुपोषण को दूर करने के लिए अन्नपूर्णा पोषण टोकरी की शुरुआत
खण्डवा 4 जून, 2021 - महिला बाल विकास विभाग पुनासा के द्वारा कुपोषण को दूर करने के लिए नया तरीका इजाद किया है। हितग्राहियों में पोषण आहार को लेकर रुचि जगाने के लिए पोषण टोकरी का निर्माण किया गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा घर-घर जाकर जो पोषण आहार दिया जा रहा है उसे देने के लिए अब एक सम्मानजनक तरीका इजाद किया गया, जिसमें एक टोकरी का निर्माण करके उसमें सभी पोषण आहार को रखा जाता है और सम्मान हितग्राही को दिया जाता है। साथी पोषण आहार का क्या महत्व है इस संबंध में कार्यकर्ताओं के द्वारा बैठक लेकर समझाइश भी दी जाती है, ताकि कुपोषित बच्चों को पूर्ण पोषण आहार मिल सके और कुपोषण के स्तर को कम किया जा सके। पोषण टोकरी में न टेक होम राशन अपितु फल सब्जियां नींबू को और हरे पत्तेदार सब्जियां भी इस टोकरी के माध्यम से ही कुपोषित बच्चों के घर पर वितरित की जाती है। फल सब्जियां एकत्रित करने के लिए ग्रामवासियों का सहयोग भी लिया जाता है, जिसके घर जो सब्जियां होती है वह दान करता है और उन फल सब्जियों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा अति गंभीर कुपोषित बच्चों के घर पर वितरित कर दिया जाता है। पोषण टोकरी की यह पहल ग्रामीणों में चर्चा का विषय बन चुका है। पुनासा ब्लॉक की बीड़ सेक्टर में यह पोषण टोकरी की शुरुआत पूरे सेक्टर में की गई। उल्लेखनीय है कि इसकी शुरुआत सबसे पहले उदयपुर ग्राम पुनासा में की गई थी, जो आज भी सतत जारी है। कोविड काल के अंतराल में पोषण टोकरी का उपयोग सर्वाधिक किया गया ताकि दूरी भी बनाई जा सके और हितग्राही को पोषण आहार भी सम्मान के साथ वितरित किया जा सके। पोषण टोकरी के संदर्भ में परियोजना अधिकारी राजेंद्र सिंह सोलंकी के द्वारा बताया गया है कि यह एक अच्छी पहल है पोषण के महत्व को घर-घर तक पहुंचाने का यह एक अनोखा अंदाज है किसी भी हितग्राही को यदि शासन की तरफ से दिया जाता है उसे सम्मान के साथ कैसे दिया जाए ताकि हितग्राही पोषण आहार के महत्व को न केवल समझे बल्कि उसका उपयोग भी करें इसी उद्देश्य के लिए अन्नपूर्णा पोषण टोकरी की शुरुआत की गई।
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