Sunday, 4 April 2021

‘‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश‘‘ की दिशा में औद्योगिक क्षेत्र की एक साला उपलब्धियाँ

 ‘‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश‘‘ की दिशा में औद्योगिक क्षेत्र की एक साला उपलब्धियाँ

खण्डवा 4 अप्रैल, 2021 - मुख्यमंत्री के रूप में श्री शिवराज सिंह चौहान की देशभर में एक अलग पहचान है। मुख्यमंत्री श्री चौहान के कुशल नेतृत्व में प्रदेश को अग्रणी बनाकर आगामी तीन वर्षों में आत्म-निर्भर बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिये आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश रोडमेप-2023 तैयार किया गया है। प्रदेश के विभिन्न अंचलों में मांग के अनुरूप 1575 से अधिक हेक्टेयर भूमि पर 20 नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना तैयार की गई है। इन औद्योगिक क्षेत्रों के विकास से प्रदेश में लगभग 15 हजार करोड़ रूपये के निवेश के साथ 10 हजार व्यक्तियों को रोजगार भी मिल सकेगा। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5 औद्योगिक क्षेत्रों में कुल 1 हजार 325 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल का विकास कार्य पूर्ण किया गया। साथ ही 6 विद्यमान औद्योगिक क्षेत्रों में 1 हजार 323 हेक्टेयर क्षेत्रफल में भी उन्नयन कार्य पूर्ण किया गया है। इससे औद्योगिक इकाइयों को विकसित अधोसंरचना प्राप्त होने के साथ ही प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

अटल बिहारी बाजपेयी प्रोग्रेस-वे

यह 400 किलोमीटर का राजमार्ग श्योपुर जिले को राजस्थान के कोटा से जोड़ेगा। यह राजमार्ग प्रदेश के श्योपुर, मुरैना और भिंड जिलों से होकर गुजरेगा। इस प्रोग्रेस-वे के साथ 5 औद्योगिक केन्द्र विकसित करने के लिये कन्सलटेंट की नियुक्ति की गई है। इसी तरह नर्मदा एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ भी इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का विकास किया जाएगा।

ड्रग्स - मेडिकल डिवाइसेस पार्क की स्थापना

भारत सरकार की फार्मा प्रोत्साहन नीति में औद्योगिक क्षेत्र मोहासा- बाबई जिला होशंगाबाद में 2074.16 एकड़ भूमि पर बल्क ड्रग्स पार्क तथा 358 एकड़ से ज्यादा भूमि पर मेडिकल डिवाइसेस पार्क की स्थापना का प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया गया है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऑक्सीजन, मेडिकल गैसेस निर्माण क्षेत्र में प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने के लिये औद्योगिक क्षेत्र मोहासा- बाबई जिला होशंगाबाद में ऑक्सीजन, मेडिकल गैसेस निर्माण इकाई की स्थापना की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। एक जिला एक उत्पाद - स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उनकी ब्राण्डिंग तथा विपणन हेतु प्रदेश के प्रत्येक जिले का एक विशिष्ट उत्पाद चिन्हित करने का कार्य प्रारंभ किया गया है। इस संकल्प पर अमल के लिये अंतर्राष्ट्रीय व्यापार इन्टेलीजेन्स तथा निर्यात सुविधा केन्द्र की स्थापना के लिये कन्सल्टेट का चयन किया गया है। कोविड-19 के दौरान भी पिछले एक वर्ष में प्रदेश में 7 बड़े उद्योग स्थापित हुए। इनमें लगभग 1563 करोड़ रूपये का पूंजी निवेश एवं 5705 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ।


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