Tuesday, 1 December 2020

वन मंत्री डॉ.शाह ने सी.एम.मदद योजना के तहत पंचायतों को बर्तन वितरित किए

 वन मंत्री डॉ.शाह ने सी.एम.मदद योजना के तहत पंचायतों को बर्तन वितरित किए





खण्डवा 1 दिसम्बर, 2020 - प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने खालवा विकासखण्ड के ग्राम कोटवारिया माल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मदद योजना के तहत पंचायतों को सामुदायिक कार्यक्रमों में उपयोग हेतु बर्तन वितरित किए। उन्होंने यहां कोटवारिया वनग्राम, चूनाखाल, करवानी, खारी रैयत , ढकोची एवं अम्बापाट की ग्राम पंचायतों को बर्तन प्रदान किए। इस दौरान सरपंचों को उन्होंने आदिवासी परिवारों में आयोजित कार्यक्रम में उपयोग हेतु प्रत्येक पंचायत को 2 भगोने, 1 पानी की टंकी, 9 बाल्टी, तसला, 2 कढाई, परात, 4 जग, 100 गिलास, चम्मच, झारा प्रदान किए गए। इसी तरह के कार्यक्रम ग्राम धावड़ी व रोशनी में भी आयोजित किए गए। वन विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारीगण तथा जनप्रतिनिधि मौजूद थे। 

  इस अवसर पर वन मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आदिवासियों के कल्याण के लिए अनेकों योजनाएं संचालित की है, जिनसे उनके आर्थिक स्तर में सुधार आया है। सरकार ने गरीबों के घरों में बच्चों के जन्म से लेकर वृद्धावस्था व मृत्यु तक हर परिस्थिति के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू की है। संबल योजना के तहत आदिवासी गरीब मजदूरों के बच्चों को छात्रवृत्ति, उच्च शिक्षा में मदद, घर में कन्या के विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि जैसी अनेकों सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। वन मंत्री डॉ. शाह ने खालवा से कोटवारिया मार्ग को शीघ्रता से पूर्ण कराने के निर्देश दिए। 

वन मंत्री डॉ. शाह ने इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीणों से कहा कि वे खेतों में मनरेगा योजना के अंतर्गत तालाब निर्माण कराया जायेगा, जिसमें आदिवासी भाई अपने खेतों के एक कोने में छोटा सा तालाब बनाकर उससे सिंचाई भी कर सकते है और साथ ही मछली पालन भी कर सकते है। उन्होंने कहा कि खेत के पास तालाब होने से कृषि उत्पादन भी बढ़ेगा जिससे किसानों को अधिक आय होगी और उनका जीवन स्तर भी सुधरेगा। वन मंत्री डॉ. शाह ने जाई बाई माता मंदिर तक पहुंच मार्ग निर्माण तथा मंदिर परिसर में पेयजल सुविधा के लिए हेण्डपम्प खनन कराने के निर्देश दिए। कोटवारिया में वन मंत्री डॉ. शाह ने ग्रामीणों की पेयजल समस्या के लिए मोटर व पाईप लाइन के साथ साथ जनरेटर की व्यवस्था के लिए भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग व आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों को वनाधिकार पट्टे संबंधी आवेदनों का निराकरण कर आगामी 15 दिनों में पात्र परिवारों को पट्टे वितरित कराने के निर्देश दिए। 

वन मंत्री डॉ. शाह ने इस अवसर पर कहा कि राज्य शासन द्वारा 32 लघु वनोपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किए गए हैं। इनमें 18 लघु वनोपजों की प्रजातियों के समर्थन मूल्य पहली बार शामिल किए गये हैं। इसमें प्रमुख रूप से गिलोय, कालमेघ, गुडमार और जामुन बीज शामिल हैं। प्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने बताया कि कि इस वर्ष अप्रैल माह में 14 लघु वनोपजों के न्यूनतम मूल्य में वृद्धि भी की गई है, इसमें महुआ फूल, अचार गुल्ली, शहद, पलास लाख एवं कुसुम लाख शामिल हैं। इस तरह प्रदेश में अब तक 32 लघु वनोपजों का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया जा चुका है। लघु वनोपजों के संग्रहण मूल्य निर्धारित होने से वनवासियों को इन वनोपजों के लिए बिचौलियों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा, इससे उनके आर्थिक हालात भी सुधरेंगे। 

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