पथ विक्रेताओं को 10 हजार रूपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण मिलेगा
खण्डवा 1 जुलाई, 2020 - शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पथ विक्रेता भारतीय जीवन शैली का अभिन्न अंग है। घर के बाहर सड़क से निकलते हुए पथ विक्रेताओं की एक खास अन्दाज में लगायी जाने वाली आवाज घर-घर में पहचानी जाती है। उनकी आवाज से खरीदने वाला बाहर आ जाता है। पथ विक्रेता की आवाज सुनना आदत में शामिल हो जाता है। कोरोना में लॉकडाउन में लम्बे समय तक पथ विक्रेता चाहे सब्जी वाला हो, फल वाला हो या कोई और, किसी की आवाज सुनाई नहीं पड़ी। खरीदने वाले ने तो जैसे-तैसे अपनी गृहस्थी के लिए आवश्यक चीजें खरीद लीं लेकिन बेचने वाला पथ विक्रेता बेरोजगार हो गया। यह ऐसा वर्ग है जिसकी संख्या बहुत ज्यादा है और इसकी जरूरत भी ज्यादा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान दोनों जमीनी हकीकत से हमेशा जुड़े रहते हैं।
पथ विक्रेताओं की हकीकत को समझते हुए इस वर्ग के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के शहरी पथ विक्रेता की बड़ी आबादी को कार्यशील पूँजी उपलब्ध करवाने के लिये प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वनिधि की घोषणा की। इस योजना में पंजीकृत शहरी पथ विक्रेताओं को 10 हजार रुपये की क्रियाशील पूँजी उपलब्ध कराई जायेगी। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा ब्याज अनुदान दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गरीबों की इस योजना को मध्यप्रदेश में सबसे पहले लागू किया। पंजीयन की प्रक्रिया शहरी असंगठित कामगार पोर्टल के माध्यम से की गई। पंजीकृत वेंडर्स के दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है। इस योजना के तहत 3 जुलाई से पथ विक्रेताओं को ऋण मिलना प्रारंभ हो जायेगा। मध्यप्रदेश में 1000 करोड़ से अधिक ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में लागू की जा रही है। योजना में ऐसे पथ विक्रेताओं को शामिल किया जायेगा, जो 24 मार्च, 2020 से पूर्व से शहरी क्षेत्रों में पथ विक्रेता का कार्य करते हैं। निकाय का टाउन वेंडिंग सर्टिफिकेट और पहचान-पत्र होने पर यह लाभ मिलेगा। ऐसे पथ विक्रेता, जो कोरोना महामारी के कारण अपने स्थान को छोड़कर चले गये हैं और वे पुनः लौटते हैं, तो उन्हें भी इस योजना के लाभ की पात्रता होगी।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 6 जून को ही मुख्यमंत्री शहरी असंगठित कामगार एकीकृत पोर्टल का शुभारंभ कर पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ की थी। योजना के क्रियान्वयन के लिये नगरीय विकास एवं आवास विभाग में राज्य-स्तरीय समिति का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्व-निधि योजना में लाभ लेने के लिए पात्र पथ व्यवसायी को भटकना नहीं पड़े। श्री चौहान ने पथ व्यवसाइयों की पीड़ा को महसूस किया और उनके रोजगार को पुनः शुरू करवाने के लिए जरूरी व्यवस्थायें सुनिश्चित की। योजना के क्रियान्वयन के लिए 25 करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान भी कर दिया गया है।
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