Monday, 13 April 2020

मॉस्क व सेनेटाइजर के बाद अब पी.पी.ई. किट भी तैयार कर रही हैं महिलाएं

मॉस्क व सेनेटाइजर के बाद अब पी.पी.ई. किट भी तैयार कर रही हैं महिलाएं 
स्वसहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं हो रही हैं आत्मनिर्भर

खण्डवा 13 अप्रैल, 2020 -  मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गठित स्वसहायता समूहों द्वारा इन दिनों कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए मॉस्क एवं सेनेटाइजर के साथ साथ अस्पतालों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना के संक्रमण से सुरक्षा के लिए पी.पी.ई. किट भी तैयार कर रही है। आजीविका मिशन की जिला प्रबंधक श्रीमती नीलिमा सिंह ने बताया कि मॉस्क एवं सेनेटाइजर के साथ साथ पी.पी.ई. किट का उत्पादन इन महिला समूहों के लिए एक नया अनुभव है। ये सामग्री तैयार करके महिलाएं तो आत्मनिर्भर हो ही रही है साथ ही नागरिकों को भी कोरोना संक्रमण से सुरक्षा प्रदान कर रही है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वसहायता समूहों द्वारा अब तक 459 पी.पी.ई. किट तैयार की गई गई है, जिसमें से 446 का विक्रय भी वे कर चुकी है। श्रीमती नीलिमा सिंह ने बताया कि पुनासा के समूहों द्वारा अब तक 131, पंधाना के समूह द्वारा 38 एवं खण्डवा विकासखण्ड के समूह द्वारा 290 पी.पी.ई. किट तैयार की जा चुकी है। 
श्रीमती नीलिमा सिंह ने बताया कि अब तक जिले में ग्रामीण स्वसहायता समूहों द्वारा 120452 मॉस्क का उत्पादन किया जा चुका है। इनमें से बलडी विकासखण्ड में 9050 मॉस्क, खण्डवा विकासखण्ड के ग्रामों में 29597, छैगांवमाखन में 16550, पुनासा में 24175, पंधाना में 22330, खालवा में 10850 एवं हरसूद विकासखण्ड के ग्रामों में 7900 मॉस्क तैयार किए गए है। इनमें से लगभग सभी मॉस्क विभिन्न शासकीय विभागों के माध्यम से बेचे भी जा चुके है। श्रीमती नीलिमा सिंह ने बताया कि स्वसहायता समूहों की महिलाओं द्वारा 3290 लीटर का उत्पादन किया जा चुका है, जिसमें से खण्डवा विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों में कुल 2637 लीटर तथा पुनासा विकासखण्ड के ग्रामों में 653 लीटर सेनेटाइजर अब तक तैयार किया जा चुका है।

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