सफलता की कहानी
कोरोना संक्रमण की रोकथाम में स्वसहायता समूहों की महिलाएं दे रही हैं योगदान
मॉस्क व सेनेटाइजर बेचकर आत्मनिर्भर हो रही हैं स्वसहायता समूह की महिलाएं
कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने गोकुलगांव व बोरगांव में समूह की महिलाओं से की चर्चा
खण्डवा 1 अप्रैल, 2020 - कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए इन दिनों अधिकांश व्यक्ति मॉस्क व सेनेटाइजर का उपयोग कर रहे है। ऐसे में खण्डवा जिले के महिला स्वसहायता समूह मॉस्क व सेनेटाइजर की बढ़ी हुई मांग को देखते हुए दिनरात इनका निर्माण कर रहे है। कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोशन कुमार सिंह जब खण्डवा विकासखण्ड के ग्राम गोकुलगांव एवं बोरगांव खुर्द गए तो वहां स्वसहायता समूह की महिलाओं ने उन्हें बताया कि मॉस्क व सेनेटाइजर की काफी अधिक मांग होने से समूह की महिलाएं दिनरात मेहनत कर रही है और आसपास की ग्राम पंचायतों एवं अन्य विकासखण्डों से भी मांग प्राप्त होने पर उन्हें मॉस्क व सेनेटाइजर उपलब्ध करा रही है। ग्राम गोकुलगांव में राधा स्वामी स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती कमला सेन व सचिव रिंकू सेन ने बताया कि उनके समूह में 13 महिलाएं है, अभी तक वो 800 लीटर सेनेटाइजर व लगभग 750 मॉस्क बेच चुकी है। मॉस्क व सेनेटाइजर की उचित मूल्य पर बिक्री के बावजूद भी समूह को लाभ हो रहा है। कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने गोकूल गांव की महिलाओं से 2 लीटर सेनेटाइजर 700 रूपये का नगद भुगतान कर खरीदा।
ग्राम बोरगांवखुर्द में कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने उन्नति महिला आजीविका स्वसहायता समूह के कार्यालय जाकर वहां से 500 रूपये में एक रेडिमेड वस्त्र तथा 35 मॉस्क खरीदें, जो कि अपने स्टॉफ के सदस्यों को वितरित करेंगी। समूह की अध्यक्ष कविता पटेल ने उन्हें बताया कि समूह द्वारा नवम्बर माह से ठण्ड के मौसम में 4 माह से लेगी, टीशर्ट, टोपी, पाजामे आदि तैयार किए जा रहे थे। समूह ने नवचंडी मेले में भी अपना स्टॉल लगाकर भी इन सामग्रियों की बिक्री की और लाभ कमाया। जैसे ही कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन व जनता कर्फ्यू की स्थिति आई तो मॉस्क व सेनेटाइजर की मांग अचानक बढ़ गई। समूह ने सिलाई का पुराना व्यवसाय छोडकर अब मॉस्क की सिलाई शुरू कर दी और हजारों की संख्या में मॉस्क तैयार कर जिले की पंचायतों को बेच दिए। समूह की अध्यक्ष श्रीमती पटेल ने बताया कि समूह के पास 4 सिलाई मशीनें है तथा 12 महिलाएं दिन रात मेहनत करती है। कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने समूह की महिलाओं को समझाया कि वे व्यवसाय में किसी को उधार न दें और मुफ्त में भी सामग्री न दें, बल्कि लागत निकालकर उचित लाभ भी कमाएं ताकि वे आत्म निर्भर भी हो सके। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जाये कि सभी महिलाएं हर महीने कम से कम 10 हजार रूपये अवश्य लाभ कमा लें।
No comments:
Post a Comment