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Wednesday, 22 April 2020

‘‘मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण‘‘ योजना संबंधी विस्तृत दिशा निर्देश जारी

‘‘मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण‘‘ योजना संबंधी विस्तृत दिशा निर्देश जारी

खण्डवा 22 अप्रैल, 2020 - कोविड-19 महामारी के रोकथाम के लिए समर्पित होकर काम कर रहे योद्धाओं के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह द्वारा घोषित ‘‘मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण‘‘ के विस्तृत कार्य-योजना आदेश जारी कर दिए गए है। प्रदेश सरकार ने भारत सरकार की योजना का विस्तार कर उसमें स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा, नगरीय विकास गृह, राजस्व एवं स्थानीय निकायों में काम कर रहे कर्मियों को भी जोड़ा है। योजना में लाभान्वित होने वाले पात्र कर्मियों में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष विभाग के सभी सफाई कर्मचारी, वार्डबॉय, नर्स, आशा कार्यकर्ता, पैरामेडिक्स, तकनीशियन, डॉक्टर, विशेषज्ञ और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल होंगे। इसके अलावा नगरीय विकास के सभी सफाई कर्मी, राजस्व, गृह, नगरीय विकास विभाग, शहरी और स्थानीय निकायों सहित अन्य उन विभाग के कर्मी जो कोविड-19 महामारी की रोकथाम में अपनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधिकृत हैं, वे भी पात्र होंगे। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज बीमा योजना के तहत बीमित स्वास्थ्यकर्मी के अतिरिक्त अन्य सभी स्वास्थ्य कर्मी इस योजना के लिये पात्र होंगे। इस योजना का लाभ कोविड-19 के कारण जीवन की हानि, सेवा के दौरान दुर्घटना से आकस्मिक मृत्यु होने पर मिलेगा। योजना में कर्मी का आशय राज्य सरकार के विभागों के कर्मचारी या उसके बोर्ड, निगम, प्राधिकरण, एजेंसी, कम्पनियों आदि द्वारा नियुक्त स्थाई, अनुबंधित, दैनिक वेतन, तदर्थ, आउटसोर्स एवं सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता आदि शामिल हैं।
योजना में प्रभावित परिवार को मिलेंगे 50 लाख रूपये
     योजना में पात्र कर्मी के कल्याण के लिये उनके दावेदार को 50 लाख रुपये का भुगतान किया जायेगा। संगरोध अवधि (क्वारेंटाइन पीरियड) के दौरान या कोविड योद्धाओं के उपचार के लिये किसी भी प्रकार का खर्च कर्मचारी या उसके दावेदार को भुगतान या देय नहीं होगा। योजना में दी गई राशि पात्र कर्मी द्वारा व्यक्तिगत रूप से ली गई अन्य बीमा पॉलिसी अथवा शासन के कर्मी के लिये लागू बीमा योजना के तहत मिलने वाली राशियों के अतिरिक्त होगी।
योजना की अवधि एवं सक्षम अधिकारी
      मुख्यमंत्री कोविड-19 योजना 30 मार्च 2020 से लागू होगी और 30 जून 2020 तक लागू रहेगी। जिले के कलेक्टर इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सक्षम अधिकारी होंगे। दावा राशि के लिये पात्रता के क्रम में सर्वप्रथम पति या पत्नी होंगे। इनके न रहने की स्थिति में विधिक संतानों (विवाहित पुत्री को छोड़कर) एक से अधिक होने पर बराबर राशि वितरित होगी। विधवा, परित्यक्ता पुत्री, विधवा पुत्र वधु (यदि पूर्णतः आश्रित हो), माता-पिता, भाई-बहन (यदि वह पूर्णतरू आश्रित हो) को क्रमिक रूप से दावा राशि की पात्रता होगी।
दावा प्रस्तुत करने की प्रक्रिया
      दावा प्रस्तुत करने की प्रक्रिया-दावेदार को आवश्यक दस्तावेजों (परिशष्टि-1) के साथ दावा प्रपत्र भरकर संबंधित विभाग को प्रस्तुत करना होगा। संबंधित कार्यालय इस संबंध में आवश्यक प्रमाण-पत्र देगा और इसे सक्षम अधिकारी कलेक्टर को अग्रेषित करेगा। कलेक्टर दावे का परीक्षण कर स्वीकृति जारी करेगा, बिल तैयार करेगा और दावे की राशि को जारी करने के लिए जिला कोषालय में बिल जमा करवाएगा। कोषालय के द्वारा संबंधित व्यक्ति के खाते में राशि जारी की जायेगी। दावा प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2020 अथवा योजना की अवधि समाप्ति के तीन माह जो भी बाद में हो, रहेगी।
दावे के साथ संलग्न आवश्यक दस्तावेज
       योजना में नामांकित दावेदार व्यक्ति द्वारा विधिवत भरे गये हस्ताक्षरित दावा प्रपत्र के साथ निम्न दस्तावेज संलग्न होंगे। मृतक का पहचान प्रमाण (प्रमाणित प्रति), दावेदार का पहचान प्रमाण (प्रमाणिक प्रति), मृतक और दावेदार के बीच संबंधों का प्रमाण-पत्र (प्रमाणित प्रति), प्रयोगशाला रिपोर्ट, जिसमें यह प्रमाणित किया गया हो कि कोविड-19 (मूल या प्रमाणित प्रति में) के परीक्षण में सकारात्मक परिणाम आये थे, जिस अस्पताल में मृत्यु हुई हो, उस अस्पताल द्वारा निर्गत मृत्यु सारांश (प्रमाणित प्रति), मृत्यु प्रमाण-पत्र (मूल में), रद्द (कैंसिल) किया हुआ चेक (वांछनीय मूल में), संबंधित कार्यालय द्वारा जारी प्रमाण-पत्र, जिसमें यह प्रमाणित किया गया हो कि मृतक उसी कार्यालय का कर्मचारी था, कार्यरत था एवं कोविड-19 के रोकथाम के लिये कार्य कर रहा था।
           कोविड-19 की सेवा के दौरान आकस्मिक मृत्यु के मामले में निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी- नामांकित दावेदार व्यक्ति द्वारा विधिवत भरा और हस्ताक्षरित दावा प्रपत्र, मृतक का पहचान प्रमाण (प्रमाणित प्रति), दावेदार का पहचान प्रमाण (प्रमाणित प्रति), मृतक दावेदारों के बीच संबंधों का प्रमाण-पत्र (प्रमाणित प्रति), जिस अस्पताल में मृत्यु हुई हो, उस अस्पताल द्वारा निर्गत मृत्यु सारांश (यदि अस्पताल में मृत्यु हुई हो, प्रमाणित प्रति), मृत्यु प्रमाण-पत्र (मूल में), पोस्ट-मार्टम रिपोर्ट (प्रमाणित प्रति), रद्द (कैंसिल) किया हुआ चेक (वांछनीय, मूल में), एफआईआर (प्रमाणित प्रति), संबंधित कार्यालय द्वारा जारी प्रमाण-पत्र, जिससे यह प्रमाणित किया गया हो कि मृतक उसी कार्यालय का कर्मचारी था, कार्यरत था एवं कोविड-19 की रोकथाम के लिये कार्य कर रहा था।

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