उम्मदें रंग लाईं, तरक्की मुस्कुराई
विशेष लेख
नगरीय सुविधाएँ अब पहुँचेंगी शहर के अंतिम छोर तक
खण्डवा 15 दिसम्बर, 2019 - नगरीय सुविधाओं का विस्तार कर शहर के अंतिम छोर तक और सबसे गरीब वर्ग तकपहुँचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश में पिछले लगभग एक साल की अवधि मेंसक्षम नेतृत्व के कारण जहाँ प्रचलित नगरीय विकास योजनाओं को तर्कसंगत बनाया गयाहै, वहीं एक वर्ष से रुकी या अधूरी पड़ी पेयजल, सीवरेज और मेट्रो जैसी परियोजनाओं को अमली जामा पहनाया गया है।
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी)
नगरीय निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए क्लस्टर आधारित अवधारणा कोसमाप्त कर विकेन्द्रीकृत कार्य-योजना लागू की गयी है। घर-घर जाकर कचरा संग्रहणकरने के लिए 850 वाहन खरीदने की अनुमति देकर 50 करोड़ 76 लाख की राशि आवंटित कर दीगई है। मिशन में 4 लाख परिवारों से व्यक्तिगतसम्पर्क कर स्वच्छता का संदेश देने के साथ ही 4 लाख से अधिक कपड़े के झोले वितरितकिए गए।
स्मार्ट सिटी योजना
स्मार्ट सिटी योजना में इस अवधि में 630 करोड़ के 29 प्रोजेक्ट पूरे किये जाचुके हैं और 89 के कार्य आदेश जारी कर दिये गये हैं। साथ ही 50 प्रोजेक्ट निविदा प्रक्रिया में हैं। योजना में क्षेत्र आधारित विकास के लिये भूमि-मुद्रीकरण की स्वीकृति दी गई है। इससे प्राप्त आय का आधा स्मार्ट सिटी में ही खर्च किया जायेगातथा आधा रिजर्व फण्ड में सरकार के पास रहेगा।
मेट्रो रेल
भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल का कार्य शुरू किया जा चुका है। भोज और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिये नई दिल्ली में भारत सरकारमध्यप्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन के बीच एम.ओ.यू. हो चुका है।भोपाल के मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 27.87 किलोमीटर में दो कॉरिडोर बनेंगें । एक कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक 14.99किलोमीटर और दूसरा भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहा तक 12.88 किलोमीटर का होगा। लागत रुपये 6941 करोड़ 40 लाख होगी । इंदौरमेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 31.55 किलोमीटर की रिंग लाइन बनेगी । यह बंगाली चौराहेसे विजयनगर, भंवर शाला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जायेगी। लागत 7500 करोड़ 80लाख है । इसके साथ ही रैपिड ट्रेन चलाने की भी योजना है।
शहरी पेयजल योजना
शहरी पेयजल योजना में इस अवधि में 980 लाख की योजनाएँ स्वीकृत की गई हैं और 292 करोड़ लागत की 26 जल-प्रदाय योजनाओं का कार्य पूरा किया गया है। यूआईडीएसएसएमटीयोजना में 21 नगरीय निकायों की 514 करोड़ लागत की जल-प्रदाय योजनाओं का कार्य पूराकिया गया।
शहरी परिवहन
शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण कम करने के लिये मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2019 बनाई गई है, जिसमें सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायत दीजायेगी। शहरों में 340 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का निर्णय लिया गया है।
जल-संरक्षण एवं संवर्धन
राज्य सरकार द्वारा ‘‘अक्षय जल संचय‘‘ अभियान में सभी 378 नगरीय निकायों को शामिल किया गया है। ग्यारह माह पहले यह अभियान मात्र 29 निकायों मे ंसंचालित था। अभियान में अब तक 80 हजार से अधिक रूफवॉटर हॉर्वेस्टिंग, 10 लाख पौधोंका रोपण और 500 जल-संरचनाओं की सफाई एवं मरम्मत कराई गई।
युवा स्वाभिमान योजना
इस योजना में करीब सवा 4 लाख हितग्राहियों का पंजीयन हुआ है। योजना कार्यक्षेत्र के 166 नगरीय निकायों में 38 ट्रेड में करीब 20 हजार हितग्राही प्रशिक्षणप्राप्त कर रहे हैं। पात्र 19 हजार 396 हितग्राहियों को 12 लाख से ज्यादा राशि कास्टाइपेंड वितरित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री आवास मिशन (शहरी)
मुख्यमंत्री आवास मिशन (शहरी) में पट्टा वितरण की कार्यवाही की जारही है। अभी तक एक लाख 15 हजार 889 आवासीय इकाइयों के निर्माण की स्वीकृति देकर करीब 1765 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। नगरीय क्षेत्रों में लगभग डेढ़ लाख भूमिहीन परिवारों को पट्टा वितरण की कार्यवाही प्रचलित है।
नयी रियल एस्टेट पॉलिसी
प्रदेश में पहली बार सभी के हित में रियल एस्टेट पॉलिसी बनाई गईहै। नई पॉलिसी में 2 हेक्टेयर से कम जमीन में भी कॉलोनी बनाने की अनुमति दी गई है। रजिस्ट्रेशन, म्यूटेशन और स्टॉम्प डयूटी सहित अन्य जरूरी कार्यों के लिये सिंगलविण्डो सिस्टम बनाया गया है। अब लैण्ड यूज सर्टिफिकेट ऑनलाईन मिलेंगे। बिल्डिंग परमिशन के लिये 27 के स्थान पर मात्र 5 डाक्यूमेंट - नईपॉलिसी में नागरिकों को अब बिल्डिंग परमिशन के लिये 27 के स्थान पर मात्र 5 डाक्यूमेंट लगेंगे।
जीआईएस के आधार पर तैयार होंगी शहरी विकास योजनाएं
नगरीय विकास योजनाओं को जीआईएस पर तैयार करने कालक्ष्य रखा गया है। नगरों की विकास योजनाएँ तैयार करने के लिये जीआईएस स्टूडियो कीस्थापना की गई है। अब प्रदेश की समस्त विकास योजनाएँ जीआईएस आधार पर तैयार की जायेंगी। अब तक 24 नगरों की विकास योजनाएँ जीआईएस आधार पर तैयार की जा चुकी हैं। अमृतयोजना में 5 नगरों की विकास योजनाएँ जीआईएस आधार पर तैयार की जा चुकी हैं। म.प्र. मेट्रोपालिटन प्लानिंग एण्ड डेव्हलपमेंटअथारिटी एक्ट का प्रारूप तैयार है।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने पिछले 12 माह में वचन पत्र के बिन्दुओं की पूर्ति के लिए प्रभावी कार्यवाही की है। विभागने अनेक वचन पत्रों को एक ही वर्ष में पूरा कर दिया। विभाग द्वारा जिन वचनों की पूर्ति की गई है, उनमें नगरों में सिटी बसों की सेवा नगरीय निकाय के माध्यम से प्रारंभ की जाएगी। प्रथम चरण में खण्डवा, बुरहानपुर, सहित कुल 17 नगरीय निकायों में सिटी बस संचालन के लिए निविदाएँ बुलाई जा चुकी हैं। कुल 503 बसों का संचालन किया जाएगा। इनमें से 255 बसें इन्ट्रासिटी होगी।
सीवेज टैंक एव ंनालों की सफाई कार्य में लगे सफाई कामगारों की मृत्यु पर उनके परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति देने के लिये शासन के अनुकम्पा नियुक्ति संबंधी परिपत्र को सभी नगरीय निकायों में लागू किया गया है। सफाई संरक्षकों के पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों के निराकरण के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
No comments:
Post a Comment