जेल में बंदी आत्मावलोकन व आत्म चिंतन करें
कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने किया जिला जेल का निरीक्षण
खण्डवा 8 नवम्बर, 2019 - कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह के साथ जिला जेल का दौरा किया और वहां नवनिर्मित बेरक का लोकार्पण किया। लगभग 88 लाख रू. लागत से निर्मित दो मंजिला बेरक के बन जाने से जेल की बंदी क्षमता में वृद्धि होगी। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने कहा कि जेल में बंदियों को आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि सीएसआर फंड से जेल में टीन शेड लगवाकर उन्हें रोजगार मूलक प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जायेगी। इस संबंध में एल एण्ड टी कम्पनी को निर्देशित भी किया गया है, जो कि शीघ्र ही बंदियों को कारीगर संबंधी प्रशिक्षण देना प्रारंभ करेगी।
पुलिस अधीक्षक डॉ. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि जेल में निरूद्ध रहने के दौरान बंदी आत्मावलोकन व आत्म चिंतन करें तथा अपने आप को सुधारने का प्रयास करें, ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके। उन्होनें कहा कि आज जो जेल में बंदी है उनके मॉं बाप ने अपने बच्चों के लिए क्या क्या सपने देखें होंगे, लेकिन कुछ गलतियों के कारण आज वे बंदी के रूप में जेल में बंद है। उन्होंने जेल में बंदियों की अध्ययन के लि पुस्तकालय की व्यवस्था के लिए भी कहा।
जेल अधीक्षक श्री प्रभात चतुर्वेदी ने इस दौरान बताया कि जिला जेल खण्डवा का निर्माण 1873 में हुआ था। इस जेल की क्षमता 168 बंदियों के रहने की है, लेकिन वर्तमान में 600 से अधिक बंदी यहां रह रहे है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों जेल महानिदेशक के आदेश पर 120 बंदियों को अन्य जिलों में भेजने के बाद समस्या में कुछ कमी आई है। अब दो मंजिल बेरक बन जाने से केदियों को और अधिक स्थान मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि जेल में अभी तक 8 बेरक थी, अब कुल 10 बेरक हो जायेगी। जेल अधीक्षक ने बताया कि सभी बेरकों व वार्डो के नामकरण खण्डवा जिले की जानी मानी हस्तियों के नाम से किए गए है, जिनमें दादाजी वार्ड, सुभद्रा वार्ड, किशोर कुमार वार्ड, सिंगाजी वार्ड शामिल है।
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