Friday, 1 November 2019

शीतकालीन मक्का में फाल आर्मी वर्म के प्रबंधन के लिए उपयोगी सलाह

शीतकालीन मक्का में फाल आर्मी वर्म के प्रबंधन के लिए उपयोगी सलाह

खण्डवा 1 नवम्बर, 2019 - उपसंचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता ने किसानों को सलाह दी है कि शीतकालीन मक्का में संतुलित उर्वरक व 5 किलोग्राम जिंक प्रति हेक्टयर का उपयोग करें। अतिरिक्त यूरिया उपयोग करने से कीट प्रकोप को बढ़ावा मिलता है। कीट निगरानी के लिए फेरोमन ट्रेप 5 प्रति एकड़ लगाना चाहिए। मक्का में अंतवर्तीय फसल जैसे अरहर, उड़द, मूंग लगाना चाहिए। फसल में ‘‘टी‘‘ आकार के पक्षी आसरे 10 प्रति एकड़ लगाना चाहिए। 
         उपसंचालक कृषि श्री गुप्ता ने बताया कि शुरूआती अवस्था में नुकसान के लक्षण दिखने पर नीम तेल 1500 पीपीएम प्रति 5 एमएल या 10 हजार पीपीएम प्रति 2-3 प्रति लीटर पानी में मिलाकर 15 दिन के अंतराल पर मक्के की फसल पर छिड़काव करें। अधिक संख्या में वयस्क तितलियों को पकड़ने के लिए फेरोमेट्रेप 15 प्रति एकड़ लगाना चाहिए। जैविक कीटनाशी बेसिलस थुरीजनेंसिस 2 ग्राम प्रति लीटर या 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करना चाहिए। मक्के की शुरूआती फसल अवस्था में कीटभक्षी फफूंद जैसे मेटाराईजियम एनिसोपली, बिबेरिया बेसिबियाना फॉरमुलेशन 5 ग्राम प्रति लीटर या 400 ग्राम प्रति एकड़ बुवाई के 15 से 20 दिन बाद उपयोग करना चाहिए। पर्णिया छिड़काव के लिये थायोडिकार्ब 70 डब्ल्यूपी प्रति 400 ग्राम प्रति एकड़ या फ्युबैंडामाइड 480 एससी प्रति 60 एमएल प्रति एकड़ या इमामेक्टिन बेन्जोएट 5 प्रतिशत 5 जी या स्पायानोसेड 48 एससी प्रति 0.3 एमएल प्रति लीटर या थायोमेथाक्जाम 12.6 प्रतिशत व लेम्डासायहेलोथ्रीन 9.5 प्रतिशत जिंक जेडसी प्रति 0.5 एमएल प्रति लीटर या क्लोरोइन्ट्रोनीलीप्रोल 12.5 एससी प्रति 0.3 एमएल प्रति लीटर की दर से छिड़काव करना चाहिए। 

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