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Tuesday, 17 September 2019

वर्षा को ध्यान में रखते हुए सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए उपयोगी सलाह

वर्षा को ध्यान में रखते हुए सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए उपयोगी सलाह

खण्डवा 17 सितम्बर, 2019 -  लगातार होने वाली वर्षा के कारण जलभराव से सोयाबीन की फसल को होने वाले नुकसान से बचाने हेतु नालियों की व्यवस्था कर अतिरिक्त पानी का निकास करें। उप संचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में सोयाबीन फसल पर चने की इल्ली के सांथ सेमीलूपर की दूसरी पीढ़ी की इल्लियों का प्रकोप देखने में आ रहा है। इनके नियंत्रण हेतु  क्वीलॉलफॉस 25 ईसी 1500 मि.ली .प्रति हैक्टेयर अथवा इन्डोक्साकार्ब 14.5 एससी 300 मि.ली. प्रति हैक्टेयर अथवा फ्लूबेन्डीयामाईड 39.35 एससी 150 मि.ली. प्रति हैक्टेयर अथवा फ्लूबेन्डीयामाईड 20 डब्ल्यूजी 250 से 300 मि.ली. प्रति हैक्टेयर अथवा स्पायनोटेरम 11.7 एससी 450 मि.ली. प्रति हैक्टेयर अथवा क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी 150 मि.ली. प्रति हैक्टेयर का 500 लीटर पानी प्रति हैक्टेयर के सांथ छिडकाव करें।
           उपसंचालक कृषि श्री गुप्ता ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल में पत्ती खाने वाली इल्लियों के सांथ-सांथ सफेद मक्खी का भी प्रकोप देखा गया है। इनके नियंत्रण हेतु पूर्व मिश्रित कीटनाषक बीटासायफ्लूथ्रीन में इमिडाक्लोप्रीड 350 मि.ली. प्रति हैक्टेयर अथवा थयामिथॉक्सम में लेम्बडा सायहेलोथ्रीन 125 मि.ली. प्रति हैक्टेयर की दर से छिडकाव करने की सलाह है जिससे तना मक्खी का भी नियंत्रण होगा। कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल में माइरोथिसियम लीफ स्पॉट, एन्थ्रेकनोज, एरियल ब्लाईट एवं चारकोल रॉट बीमारी का प्रकोप देखा गया है। इसके नियंत्रण हेतु कृषकों को सलाह है कि फसल पर टेबूकोनाझोल 625 मि.ली. प्रति हैक्टेयर अथवा टेबूकोनाझोल में सल्फर 1 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर अथवा हेक्झाकोनाझोल 500 मि.ली. प्रति हैक्टेयर अथवा पायरोक्लोस्ट्रोबिन 500 ग्रा प्रति हैक्टेयर को 500 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें। 
उप संचालक कृषि श्री गुप्ता ने बताया कि गर्डल बीटल के नियंत्रण हेतु थाइक्लोप्रीड 21.7 एससी 650 मि.ली प्रति हैक्टेयर अथवा प्रोफेनोफॉस 50 इसी 1.25 लीटर प्रति हैक्टेयर या ट्रायझोफॉस 40 ईसी 800 मि.ली प्रति हैक्टेयर की दर से छिडकाव करें। पीला मोजाइक बीमारी को फैलाने वाली सफेद मक्खी के प्रबंधन के लिये खेत में यलो स्टीकी टैªप का प्रयोग करें, जिससे मक्खी के वयस्क नष्ट किये जा सकें। सांथ ही पीला मोजाइक रोग से ग्रसित पौधों व अवषेषों को खेत से निकालकर नष्ट कर दें। रोग की तीव्रता अधिक होने पर थयोमिथाक्सम 25 डब्ल्यूजी 100 ग्रा. प्रति 500 लीटर पानी का छिडकाव करें। बीज उत्पादन के लिये उगाई जाने वाली सोयाबीन की फसल में पत्तियों, फूल का रंग एवं रोएं के रंग के आधार पर अन्य किस्मों के पौधों को निकाल दें, जिससे बीज की शुद्धता बनी रहे। जिन स्थानों पर फसल पकने की स्थिति में है वहां यह सलाह दी जाती है कि फसल के सूखने पर ही कटाई करें।

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