Thursday, 2 May 2019

बाल विवाह से जुड़े रिश्तेदारों, हलवाई, बेंड वालों सहित सभी पर होगी कार्यवाही

बाल विवाह से जुड़े रिश्तेदारों, हलवाई, बेंड वालों सहित सभी पर होगी कार्यवाही

खण्डवा 2 मई, 2019 - बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है, जिसके कारण देश में हजारों बालक व बालिकाओं को समय के पूर्व ही पारिवारिक बंधनों में बांध कर माता पिता द्वारा उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जाता है। सरकार द्वारा इस कुरीति को समाज से पूर्णतः समाप्त करने के उद्देश्य से बाल विवाह निषेध अधिनियम लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत बाल विवाह करवाने वाले वर-वधू के माता-पिता, भाई बहन, अन्य पारिवारिक सदस्यों, विवाह करवाने वाले पंडित अथवा अन्य धर्मगुरू, विवाह में शामिल बाराती, घराती, बाजे वाले, घोड़े वाले, हलवाई तथा अन्य सभी इस कार्यक्रम से संबंधित व्यक्तियों पर कानूनी कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर श्री विशेष गढ़पाले ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे अपने बच्चों का विवाह निर्धारित आयु सीमा पूर्ण होने के बाद ही करें। उन्होंने नागरिकों से यह अनुरोध भी किया है कि वे ऐसे किसी भी विवाह कार्यक्रम में शामिल न हो जिनमें वधू 18 वर्ष से कम या वर 21 वर्ष से कम आयु का हो, अन्यथा उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।  
           कलेक्टर श्री गढ़पाले ने धर्मगुरूओं तथा मुद्रकों को निर्देश दिए है कि वे विवाह के पूर्व वर एवं वधू दोनों की सही आयु की संतुष्टि के लिए उनके मूल जन्म प्रमाण पत्र, अंकसूची, स्कूल की टी.सी. आदि की सत्यापित छायाप्रति प्राप्त कर अपने पास अनिवार्य रूप से रख लें तथा उम्र सही न होने की दशा में विवाह कदापि न करवाएं और ना ही मुद्रक संस्थाएं ऐसी पत्रिका छापें तथा ऐसे प्रकरणों की सूचना तत्काल जिला महिला एवं बाल विकास विभाग या जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय खण्डवा में अथवा उनके दूरभाष क्रमांक 0733-2222140 पर दे सकते है। 

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