स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी मुख्यालय पर रहकर कार्य करें
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने स्वास्थ्य व महिला बाल विकास अधिकारियों की बैठक में दिए निर्देष
खण्डवा 4 जुलाई, 2018 - स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने मुख्यालय पर रहें तथा बिना अनुमति के मुख्यालय न छोड़े। विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी व परियोजना अधिकारी आईसीडीएस तथा दोनों विभाग की सुपरवाइजर्स नियमित रूप से भ्रमण करें। यह निर्देष कलेक्टर श्री विषेष गढ़पाले ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं के पोषण तथा टीकाकरण पर विषेष ध्यान दिया जाये। कुपोषित बच्चों को निकटतम पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराया जाये तथा गर्भवती महिलाओं के प्रसव की प्रस्तावित तिथि से विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी व आईसीडीएस के परियोजना अधिकारी को अवगत कराया जाये, ताकि उसका संस्थागत प्रसव हो सके। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. रतन खण्डेलवाल , जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय भारद्वाज सहित दोनों विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर श्री गढ़पाले ने निर्देष दिए कि महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के खण्ड स्तरीय अधिकारी दोनांे विभाग के ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ कर्मचारियों की संयुक्त बैठक दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में लें ताकि उन्हें भी दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में विभाग से संबंधित समस्याओं की जानकारी रहे। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने बताया कि विष्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि खण्डवा जिले की कई आषा कार्यकर्ताओं को वर्ष 2016 से प्रोत्साहन राषि का भुगतान नहीं किया गया है। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने के उन्होंने निर्देष दिए तथा कहा कि आषा कार्यकर्ताओं व पोषण पुनर्वास केन्द्रों मंे भर्ती कुपोषित बच्चों की माताओं को यथाषीघ्र प्रोत्साहन राषि दी जाये। उन्होंने पुनरीक्षित क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी का वेतन भुगतान रोकने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देष दिए। उन्होंने निर्देष दिए कि कुपोषित बच्चों का नए सिरे से सर्वे किया जाये तथा चिन्हित बच्चों को निकटतम पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराया जाये। पूर्व में इन केन्द्रों में भर्ती बच्चों का फोलोअप राउंड भी किया जाये।
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने सभी विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देष दिए कि आषा कार्यकर्ताओं को जरूरी प्रषिक्षण दिया जाये। उन्होंने गर्भवती महिलाओं का शत प्रतिषत पंजीयन श्रम सेवा पोर्टल पर करने के निर्देष भी दिए, ताकि महिला को प्रसव के समय प्रोत्साहन राषि समय पर भुगतान हो सके। उन्होंने कहा कि प्रसव के समय यदि गर्भवती महिला अस्पताल जाने की स्थिति में नहीं है तो उसका प्रसव स्वास्थ्य कार्यकर्ता या एएनएम द्वारा घर पर ही करने की व्यवस्था की जाये। बैठक में बताया गया कि खालवा विकासखण्ड में 2 प्रसव केन्द्र करवानी एवं जूनाखाल ग्राम में बंद स्थिति में है। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने इनसे संबंधित एएनएम के विरूद्ध कार्यवाही हेतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी कर्मचारी काम करने के तरीके खोजंे , काम न करने के बहाने न खोजें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी तो योग्य है लेकिन काम करने की मंषा न होने से उनके काम असफल हो जाते है। सभी स्वास्थ्य अधिकारी सकारात्मक सोच के साथ विभागीय कार्य करें।
चिकित्सक विहीन अस्पतालों में वीडियो कांफे्रंस से पास के अस्पताल के डाॅक्टर करेंगे इलाज
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने बैठक में निर्देष दिए कि जिन अस्पतालों में चिकित्सक पदस्थ नहीं है या चिकित्सक के अवकाष पर होने से स्वास्थ्य परीक्षण व्यवस्था बंद है वहां एएनएम या स्वास्थ्य कार्यकर्ता मरीजों का प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण करें तथा निकटतम अस्पताल में पदस्थ सरकारी चिकित्सक से वीडियो कांफे्रंस के माध्यम से मरीज से चर्चा कराकर उसका उपचार करायें। इसके लिए उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देष दिए कि अस्पतालों में एलईडी टीवी व वाईफाई युक्त मोबाइल या डाटा कार्ड के माध्यम से इंटरनेट व्यवस्था इसी सप्ताह में सुनिष्चित करायें और इस व्यवस्था को प्रारंभ करें, ताकि मरीजों को डाॅक्टर के अवकाष पर होने की स्थिति में भी इलाज से वंचित न रहना पड़े।
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