स्वाईन फ्लू बीमारी होने पर करें उपचार
खण्डवा 04 अगस्त, 2017 - स्वाईन फ्लू वायरस संक्रमणकारी बीमारी है। सामान्यतः इसका संक्रमण संक्रमित व्यक्ति की छीक या खांसी के सम्पर्क में आने के कारण हेाता है तथा स्वाईन फ्लू का संक्रमण जुलाई से फरवरी माह मंे ज्यादा सक्रिय होता है। स्वाईन फ्लू से बचने का बचाव ही उपचार है इसलिए सांवधनी बरतनें की आवष्यकता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रतन खण्डेलवाल ने बताया कि प्रदेष के निकटवर्ती राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेष, दिल्ली, गुजरात में विगत एक माह में स्वाईन फ्लू के प्रकरणों में वृद्धि पाई गई है। अतः जो लोग इन क्षेत्रों से प्रदेष में यात्रा करके आ रहे है वे सचेत रहे यदि उनको स्वाईन फ्लू के लक्षण जैसे- सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खराष, सिरदर्द, बुखार के साथ यदि सांस लेने में तकलीफ हो तो तत्काल शासकीय अस्पताल में जाकर पत्स ऑक्सीमीटर से तुरन्त जांच करायें। स्वाईन फ्लू बीमारी होने पर पूर्ण उपचार करायें।
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