Monday, 8 May 2017

स्वरोजगार योजनाएं बने नवीन उद्योगों का जरिया - कलेक्टर श्रीमती नायक

स्वरोजगार योजनाएं बने नवीन उद्योगों का जरिया - कलेक्टर श्रीमती नायक
ग्रामीणों को दिया जाये वस्त्र निर्माण, कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र, मसाला केन्द्र स्थापित करने का अवसर


खण्डवा 08 मई 2017 - जिले में विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को इस प्रकार के स्वरोजगार के लिये ऋण दिया जाये, जिससे उनका स्वरोजगार भविष्य में एक उद्योग का रूप ले सके एवं हितग्राही स्वयं के साथ अन्य लोगो को जोड़कर उनका भी रोजगार सुनिश्चित कर सके। कलेक्टर श्रीमती स्वाति मीणा नायक द्वारा 08 मई सोमवार को आरसेटी केन्द्र में आयोजित विभिन्न स्वरोजगार योजना अन्तर्गत सहायक विकास विस्तार अधिकारियों की बैठक में यह बात कही गई। बैठक के दौरान कलेक्टर श्रीमती नायक द्वारा नवीन स्वरोजगार योजनाओ की जानकारी देने के साथ-साथ यह भी बताया गया कि उन स्वरोजगार योजनाओ से होने वाले उत्पादन का विक्रय कहां किया जाये एवं कैसे उस स्वरोजगार को उद्योग का रूप दिया जाये। बैठक में सीईओ जिला पंचायत डॉ वरदमूर्ति मिश्र द्वारा सहायक विकास विस्तार अधिकारियों से विगत वर्षो में स्वरोजगार के लिये दिये गये ऋण एवं उनसे हितग्राहियों को हुये लाभ की समीक्षा की गयी।
    बैठक में  कलेक्टर श्रीमती नायक द्वारा बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र में रिक्त स्वरोजगार भवनो, सामुदायिक भवनो, मांगलिक भवनो, स्कूल के कक्षो को स्वरोजगार के लिये किराये पर दिया जाकर वहॉ सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र सह वस्त्र उद्योग, कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र, मसाला यूनिट आदि की स्थापना करवाई जा सकती है। वस्त्र उद्योग केन्द्र की स्थापना के लिये गांव में पढ़ी-लिखी महिलाआंे का चिन्हांकन कर उन्हें सिलाई मशीन व कच्चा माल क्रय किये जाने के लिये ऋण उपलब्ध कराया जाये एवं इन महिलाओ को वस्त्र निर्माण का प्रशिक्षण देकर विभिन्न मेलो व दुकानो पर इनके वस्त्रो की बिक्री सुनिश्चित की जा सकती है। इसी प्रकार कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना के लिये भी स्वरोजगार योजनाओ से लाभ दिया जाकर गांव में बच्चो को कम्प्यूटर सिखाया जाए। साथ ही विभिन्न विभागो द्वारा होने वाले ऑनलाईन प्रविष्ठियों, एमपीऑनलाईन केन्द्र व भविष्य में प्रारंभ होने वाले लोक सेवा केन्द्रो को इन कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्रो के माध्यम से संचालित किया जाये। सिलाई प्रशिक्षण व वस्त्र उद्योग केन्द्र एवं कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना लगभग 10 पंचायतो की एक कलस्टर पंचायत बनाकर की जाये जिससे ग्रामीणो का वहॉ तक पहुचना सुगम हो। बैठक में कलेक्टर श्रीमती नायक द्वारा महिलाओं को मसाला यूनिट स्थापित करने एवं उनके मसाले की बिक्री मध्यान्ह भोजन समूहो व छात्रावासो के भोजन के लिये करवाये जाने, जैविक खाद निर्माण की यूनिट लगवाने, डेरी उद्योग को बढावा देने, निर्माण कार्यो के लिये उपयोग होने वाले सेनट्रिंग के ऋण प्रकरण बनाने, आदिवासी क्षेत्रो में प्रचलित गहनो की डिजाईन का प्रशिक्षण देकर ऐसे गहने बनाने, कोचिंग क्लास के लिये ऋण उपलब्ध कराने के भी सुझाव दिये गये। साथ ही निर्देश दिये गये कि प्रत्येक सहायक विकास विस्तार अधिकारी इस तरह के प्रकरणो की जानकारी अतिशीघ्र तैयार कर प्रस्तुत करे जिससे ग्रामीणो के स्वरोजगार योजनाओ के प्रकरण तैयार कर उनका प्रशिक्षण भी प्रारंभ कराया जाये। बैठक में जिला उद्योग अधिकारी, उपमहाप्रबंधक नाबार्ड, जिला अन्त्यावसायी अधिकारी, ग्रामीण अजिविका मिशन के अधिकारी उपस्थित रहे।

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