मृदा स्वास्थ्य दिवस पर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए
खण्डवा 5 दिसम्बर ,2015 - किसान खेती की नई नई तकनिकों को अपनाये तथा जैविक पद्धति से खेती करें। अपनी मिट्टी का परीक्षण कराकर किसान भाई यह जान सकते है कि उनके खेत की मिट्टी किस फसल के लिए अनुकूल है। उसी के अनुसार खेत में फसल बोए। इसके साथ ही मिट्टी परीक्षण से किसानों को यह भी मालूम हो जाता है कि खेत की मिट्टी में किन पोषक तत्वों की कमी है। केवल उन्ही पोषक तत्वों की पूर्ति करें तो कम लागत में बेहतर फसल उत्पादन होगा। यह सलाह क्षेत्रीय सासंद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने मृदा स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर स्थानीय बी.एम. कृषि महाविद्यालय प्रागंण में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को दी। आज कृषि विज्ञान केन्द्र एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मृदा स्वास्थ्य दिवस एवं कृषक सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में श्री नंदकुमार सिंह चौहान सांसद, श्रीमती हसीना बाई, जिला पंचायत अध्यक्षा, विधायक श्री देवेन्द्र वर्मा, श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर, श्रीमती योगिता बोरकर, महापौर श्री सुभाष कोठारी, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष श्री हुकुमचंन्द यादव,, कृषि उपज मंडी अध्यक्ष श्री आनंद मोहे, श्री अषोक पटेल सभापति कृषि स्थायी समिति उपस्थित थें।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री नंदकुमार सिंह चौहान सांसद ने कृषकों को परम्परागत कृषि में परिवर्तन करने का आव्हान किया। जलवायु परिवर्तन व बाजार भाव परिवर्तन अनुसार वैज्ञानिक तरीके से खेती करना आज की आवष्यकता है। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए कृषकों को सलाह दी कि मृदा परीक्षण के पष्चात् ही उर्वरकों की बचत एवं सही पोषक तत्व की निष्चित मात्रा के उपयोग करना होगा। मृदा स्वास्थ्य पत्रक में दी गई अनुसंषाओं पर अमल करने से लाभ की ओर बढ़ सकते हैं। सासंद श्री चौहान ने इस अवसर पर बताया कि तीन वर्ष में जिले के 1.51 लाख किसानों को मृदा स्वास्थ्य पत्रक दिये जावेगें। आज मंच के माध्यम से ग्राम आरूद, बडगॉंव गुर्जर, लोहारी के 8 कृषकों को मृदा स्वास्थ्य पत्रक दिये गये।
इससे पूर्व बी.एम. कृषि महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. मृदुला बिल्लौरे ने अतिथियों का स्वागत भाषण दिया। मांधाता विधायक श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर ने मृदा परीक्षण की महत्व को बताते हुए उर्वरकों की उच्च दक्षता के उपयोग पर बल दिया। श्री तोमर ने उच्च गुणवत्ता के बीज को ही उपयोग करने की सलाह दी। श्री तोमर ने परम्परात फसलों को छोड़कर फलों, व मसालों की खेती की ओर कृषकों को जुडने का आव्हान किया।
सभी अतिथियों व कृषकों का श्री ओ.पी. चौरे उपसंचालक कृषि ने आभार प्रदर्षन किया। मृदा स्वास्थ्य दिवस के कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा 580 एवं मृदा परीक्षण प्रयोगषाला द्वारा 1000 कार्ड तैयार कर कृषकों को बांॅटे गये। आज आयोजित कार्यक्रम में जिले के 781 कृषक व महिलाओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के साथ कृषि, उद्यानिकी, कृषि अभियांत्रिकी, पषुपालन, मत्स्य विभाग ने योजनाओं एवं तकनीकियों की प्रदर्षनी लगाई जिसे कृषकों ने बहुत पसन्द किया। कार्यक्रम में डॉ. एस.के. परसाई ने कीट नियंत्रण, डॉ. डी.के.वाणी ने केंचुआ खाद निर्माण व उन्नत कृषि यंत्र, डॉ. सुभाष रावत ने गेंहूॅ की श्री विधि, डॉ वाय.के.शुक्ला ने पोषक तत्व प्रबन्धन पर तकनीकी उद्बोधन दिया तत्पष्चात् कृषक समस्याओं के समाधान संबंधित वैज्ञानिकों द्वारा दिये गये।
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