युद्ध स्तर पर किया जाये किसानों को राहत भुगतान का कार्य
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समाधान आन लाइन कार्यक्रम में दिये निर्देश
खण्डवा 2 दिसम्बर ,2015 - मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसानों को राहत राशि का भुगतान सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए यु़द्ध-स्तर पर किया जाये। उन्होंने इसमें आय कर की शर्त इस वर्ष के लिये समाप्त करने के निर्देश दिये। साथ ही स्पष्ट कहा कि योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को सरलता से समय पर मिलना सुनिश्चित करने की जवाबदारी कलेक्टरों की होगी। इसमें गड़बड़ी मिलने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।
मुख्यमंत्री मंगलवार को मंत्रालय भोपाल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इसके पहले उन्होंने समाधान ऑनलाइन के जरिये विभिन्न जन शिकायतों के निराकरण का जायजा लिया और लापरवाही पाये जाने पर संयुक्त संचालक मंडी बोर्ड सहित 5 कर्मियों को निलम्बित किया।
राहत राशि के वितरण में आयकरदाता की शर्त समाप्त
श्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों के राहत के राशि के वितरण का कार्य चुनौती के रूप में लें। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए युद्ध-स्तर पर किया जाये। इसमें विभिन्न विभाग के कर्मचारियों की सेवाएँ ली जायें। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राहत वितरण में किसानों के आयकरदाता नहीं होने की शर्त समाप्त की जाती है। इसके घोषणा-पत्र किसानों से भरवाने के कारण राहत राशि वितरण में काफी देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि राहत वितरण में व्यवधान पैदा करने वाले कर्मियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये। उन्होंने जिलेवार राहत राशि वितरण की जानकारी ली। साथ ही एक निश्चित समय-सीमा में राहत वितरण के लिये कलेक्टरों को निर्देशित किया। बताया गया कि प्रदेश में 337 करोड़ की राहत राशि स्वीकृत की जा चुकी है, जो सीधे किसानों के खातों में भुगतान की जा रही है।
पेंशन का वितरण ग्राम सभा में करवायें
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से स्पष्ट कहा कि विभिन्न योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक सरलता से समय पर पहुँचना चाहिये। इसमें किसी तरह की देरी और गड़बड़ी सहन नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि वे स्वयं जिलों के भ्रमण के दौरान आमजन से सीधे संवाद कर योजनाओं की मैदानी हकीकत जानेंगे। विभिन्न योजनाओं का डिलेवरी मेकेनिज्म दुरूस्त किया जाये। इससे हितग्राहियों को कोई परेशानी नहीं हो। उन्होंने पेंशन का वितरण डोंडी पिटवाकर एक दिन ग्रामसभा में सबके सामने करवाने के निर्देश दिये, ताकि हितग्राहियों को बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ें। श्री चौहान ने योजनाओं के क्रियान्वयन को बेहतर बनाने के लिये कलेक्टरों से सुझाव भी मांगे। साथ ही कहा कि कलेक्टर मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं। योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी तरह की गड़बड़ी नही होना चाहिये।
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