सूखा प्रभावित क्षैत्र के जाबकार्डधारियों को अब 150 दिन मिलेगा काम
प्रत्येक पंचायत में 5 सामुदायिक और 25 हितग्राहीमूलक काम चलेंगे
खण्डवा 2 दिसम्बर ,2015 - प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में मनरेगा श्रमिकों के लिये करीब 7 लाख रोजगारमूलक काम का इंतजाम किया जा रहा है। इससे जरूरतमंदों को गाँव में ही काम मुहैया कराया जा सकेगा। मनरेगा श्रमिकों के लिये प्रदेश की ग्राम पंचायतों में करीब पोने छरू लाख हितग्राहीमूलक तथा सवा लाख सामुदायिक काम शुरू किये जा रहे हैं। मनरेगा श्रमिकों को ग्राम पंचायत में चल रहे कार्यों की सूचना घर-घर जाकर देने का भी इंतजाम किया गया है ताकि सूखा प्रभावित अंचलों सहित सभी ग्रामीण क्षेत्रों में कोई भी जरूरतमंद रोजगार से वंचित न रहे। इन सारे कामों की प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति जारी कर काम खोले जाने के निर्देश सभी जिलों को दिये गये हैं। मनरेगा में प्रदेश के सूखा प्रभावित ग्रामीण अंचलों में जाबकार्डधारियों को साल में 100 के बजाए 150 दिन का काम देने की मंजूरी भारत सरकार से मिल चुकी है। इससे सूखा प्रभावित ग्रामीण अंचलों में जिन मजदूर परिवारों के 100 पूरे हो चुके हैं उन्हें 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार इन कामों के जरिये मिल जायेगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेष सरकार ने खण्डवा जिले की 5 तहसीलों खण्डवा, पंधाना, पुनासा, हरसूद और खालवा को सुखाग्रस्त घोषित किया है। अतः यह सुविधा खण्डवा जिले के श्रमिकों को भी उपलब्ध होगी।
ग्राम पंचायतों में 5 सामुदायिक एवं 25 हितग्राहीमूलक काम शुरूकर श्रमिक को काम मुहैया करवाने की कार्यवाही मैदानी अमलों को समय-सीमा में करने के निर्देश प्रदेश स्तर से दिये गये थे। इसके मुताबिक 30 नवम्बर से पहले प्रत्येक ग्राम पंचायत में 5 सामुदायिक एवं 25 हितग्राहीमूलक कार्यो की प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति तैयार करना था और श्रमिकों के घर-घर जाकर प्रिय मित्र पत्र देकर चल रहे कामों की जानकारी देना थी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रति दिन कम से कम 50 मजदूर कार्यरत रहने की अपेक्षा की गयी थी।
मनरेगा परिषद द्वारा जारी निर्देशों में यह भी कहा गया था कि जिन ग्राम पंचायतों में यह कार्यवाही नहीं होगी उन ग्राम पंचायतों के सचिव, ग्राम रोजगार सहायक तथा संबंधित उप यंत्री को जिला स्तर पर स्पष्टीकरण देना होगा। इसी तरह जिन जनपदों की 5 से अधिक ग्राम पंचायतों में लक्ष्य हासिल नहीं किया जायेगा वहाँ के जनपद सीईओ तथा सहायक यंत्री को संभागीय मुख्यालय पर स्पष्टीकरण देना होगा। इसके अलावा जिन जिलों की पन्द्रह से अधिक ग्राम पंचायतों में उक्तानुसार लक्ष्य हासिल नहीं होगा उन जिलों के सीईओ जिला पंचायत तथा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को चौदह दिसम्बर के पूर्व राज्य स्तर पर उपस्थित होकर लक्ष्य हासिल न होने के बारे में स्पष्टीकरण देना होगा। मनरेगा से काम की मांग करने वाले हर जाबकार्डधारी को काम की उपलब्धता के लिये किये जा रहे सतत् प्रयासों एवं क्रियान्वयन की प्रगति की सतत् समीक्षा होगी। इस मकसद से 7 दिसम्बर को जबलपुर तथा इंदौर संभाग एवं 9 दिसम्बर को ग्वालियर एवं चंबल संभाग में संभागीय मुख्यालयों पर समीक्षा बैठक होगी।
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