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Thursday, 5 November 2015

निरूशक्त विद्यार्थियों को प्री एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति मिलेगी

निरूशक्त विद्यार्थियों को प्री एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति मिलेगी
15 नवम्बर तक ऑनलाईन भरे जा सकते हैं आवेदन

खण्डवा 5 नवम्बर,2015 - भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से संबद्ध विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा निरूशक्त विद्यार्थियों को प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जाती है। इसके लिये 15 नवम्बर तक वेबसाइट   www.scholarships.gov.in    पर ऑनलाईन आवेदन भरे जा सकते हैं।
उप संचालक सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण से प्राप्त जानकारी के अनुसार 40 प्रतिशत से अधिक निरूशक्तता वाले निरूशक्त विद्यार्थी इसके लिये आवेदन कर सकते हैं । एक ही परिवार के दो निरूशक्त पुत्र-पुत्रियों को ही इस छात्रवृत्ति की पात्रता रहेगी। शासकीय मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में 9वीं व 10वीं कक्षा में अध्ययनरत निरूशक्त विद्यार्थियों को प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जाती है। इसी तरह 11वीं कक्षा से ऊपर की कक्षाओं के निःशक्त विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति दिए जाने का प्रावधान है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है। साथ ही विभाग की वेबसाइट http://socialjustice.mp.gov.in  पर भी विस्तृत जानकारी उपलब्ध है। 
 सरसों व चना की बोनी के लिये उन्नत प्रजातियों के बीजों का उपयोग करें
 खण्डवा 5 नवम्बर,2015 -  किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने किसानों को सामयिक सलाह देते हुए कहा है कि वे सरसों एवं चना बोनी के लिये उन्नत प्रजातियों के बीजों से बोनी करें।   सरसों की बोनी हेतु इस समय उपयुक्त तापमान है। अतरू उन्नत प्रजातियाँ जैसे-आरजीएन-73, पूसा जय किसान, पूसा बोल्ड क्रांति रोहिणी प्रजातियों का चयन कर पर्याप्त नहीं होने पर बोनी करें। बीजोपचार बीटावेक्सपावर या बैनलेट दवा 2.50 से 3.00 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें तथा जिन खेतों में बार-बार पोलियो आता है, उसके लिये बीजोपचार हेतु कार्बेन्डाजिम दवा 3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें। चना की बोनी हेतु उन्नत उकठा निरोधी जातियाँ जैसे-जेजी-16, जेजी-6, जेजी-11, जेजी-218 व जेजी-130 का चयन करें व बोनी पूर्व बीजोपचार अवश्य करे। बीजोपचार हेतु फफूंदीनाशक कार्बेन्डाजिम 1.5 ग्राम़थायरम 1.5 ग्राम दवा प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करने के बाद जैव उर्वरक राइजोबियम एवं पीएसवी कल्चर से निवेशित करके बोयें। 

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